KNEWS DESK : नए संसद भवन का 28 मई को पीएम मोदी के द्वारा उद्घाटन कराया जा रहा है|नए संसद भवन के उद्घाटन पर अब सियासी रणनीति रुकने का नाम ही नहीं ले रही है अब तो विपक्ष ने सेंगोल पर भी दोष निकलना शुरू कर दिया है|सेंगोल मतलब की इस राजदंड को पावर ट्रांसफर के प्रतीक के तौर पर लगाया जाएगा|इस विषय पर भी राजनीति तेज हो गई है|
लोकसभा में सेंगोल को स्पीकर की कुर्सी के पास राजदंड के तौर पर स्थापित कैसे किया जाएगा, लगाया कैसे जाएगा, मंत्रोच्चार के बीच सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया कैसे पूरी होगी, इन सबका अभ्यास शुरू हो गया है|लेकिन उसी राजदंड को लेकर जमकर सियासत भी जारी है|कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने इसे कपोल कल्पना बताया तो केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पूछा कांग्रेस को भारतीय परंपरा से नफरत क्यों हैं? सेंगोल के सवाल पर बीजेपी हमलावर है|
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सेंगोल पर ट्वीट करके कहा कि लगता है कि अब बीजेपी ने मान लिया है कि सत्ता सौंपने का वक्त आ गया है|सेंगोल को हर कोई अपनी तरह से देख रहा है|
जनता दल यूनाइटेड के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद केसी त्यागी ने भी बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा,अब राजा रजवाड़े के दिन नहीं है|ये लोकतंत्र है|
स्मृति ईरानी से लेकर हरदीप सिंह पुरी ने भी कांग्रेस पर किया पलटवार
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि सेंगोल (राजदंड) भारत की लोकतांत्रिक आजादी का प्रतीक है, जो हमारे स्वर्णिम इतिहास का एक विशिष्ट अंग है| उस प्रतीक को गांधी खानदान ने एक म्यूजियम के किसी अंधेरे कोने में वॉकिंग स्टिक की तरह रख दिया था|इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अब कांग्रेस के बारे में बयानबाजी शुरू कर दी है|मै कांग्रेस से कहूंगा कि पहले तथ्यों को जान लें फिर बोला करें|