रिपोर्ट- मो0 रज़ी सिद्दीकी
बाराबंकी – सपा कांग्रेस के गठबंधन के बाद कांग्रेस ने शनिवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की चौथी लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम घोषित किए हैं। बाराबंकी सीट से तनुज पुनिया पर कांग्रेस ने भरोसा जताया है।
पीएल पुनिया ने जिले में कांग्रेस को किया मजबूत
बता दें कि कांग्रेस के दिग्गज नेता पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया अपने पिता की राजनीतिक विरासत संभालने के लिए चौथी बार चुनाव मैदान में हैं। पीएल पुनिया बाराबंकी से लोकसभा के सांसद भी रहे हैं। पीएल पुनिया ने जिले में कांग्रेस को मजबूत किया है। टिकट मिलने के बाद तनुज पुनिया ने कहा कि जितने भी वादे राहुल गांधी जी ने और अखिलेश यादव जी ने किए हैं, इन वादों के बलबूते पर इस बार जनता का रुझान बदलने वाला है। बीजेपी घबराई हुई है इसलिए वह अपना कैंडिडेट घोषित करने से कतरा रहे हैं।
प्रियंका गांधी की यूथ टीम के सदस्य
दरअसल सपा से गठबंधन के बाद बाराबंकी सीट पर कांग्रेस ने पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया को चौथा मौका दिया है। तनुज पुनिया लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। तनुज पुनिया ने रुड़की से आईआईटी और यहीं से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इसके बाद वह विदेश भी पढ़ने गए। तनुज पुनिया प्रियंका गांधी की यूथ टीम के सदस्य भी हैं। सपा से गठबंधन के बाद बाराबंकी सीट टिकट मिलने के बाद तनुज पुनिया अपने पिता की राजनीतिक विरासत संभालने के लिए चौथी बार चुनाव मैदान में होंगे। वरिष्ठ आईएएस रहे डॉ. पीएल पुनिया ने सेवानिवृति के बाद बाराबंकी को ही अपनी राजनीति की कर्मस्थली बनाया और यहां से सांसद रहे। पीएल पुनिया ने जिले में कांग्रेस को मजबूत किया।
इस बार जनता का रुझान बदलने वाला है – तनुज पुनिया
2017 में तनुज पुनिया ने जैदपुर सीट से विधानसभा का चुनाव लड़े थे। पहले चुनाव में मिली हार के बाद भी तनुज पुनिया सक्रिय रहे। इसीलिए कांग्रेस ने 2022 में फिर से ज़ैदपुर सीट से प्रत्याशी बनाया। 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने तनुज पुनिया को लोकसभा का टिकट दिया। यह चौथा मौका है जब कांग्रेस ने पुनिया पर भरोसा जताते हुए उनके पुत्र तनुज को टिकट दिया है। तनुज पुनिया ने कहा कि जितने भी वादे राहुल गांधी जी ने और अखिलेश यादव जी ने किए हैं, इन वादों के बलबूते पर इस बार जनता का रुझान बदलने वाला है। बीजेपी घबराई हुई है इसलिए वह अपना कैंडिडेट घोषित करने से कतरा रहे हैं।