रिपोर्ट – शानू कुमार
उत्तर प्रदेश – बरेली की आंवला से सपा नेता और नगर पालिका अध्यक्ष सैय्यद आबिद अली ने सपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़ना यानी की सपा को बड़ा झटका लगा है, वहीं पार्टी छोड़ने से समाजवादी पार्टी क़ो लोकसभा चुनाव में बड़ा नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा हैं| एक बार फिर सपा खेमे में गुटबाजी और अनुशासनहीनता इसकी बड़ी बजह बनी हैं।
बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी सपा का साथ छोड़ने की तैयारी में
बता दें कि आबिद ने अपने त्याग पत्र में स्पष्ट लिखा हैं कि बाहरी उम्मीदवार को सपा ने आंवला का प्रत्याशी घोषित किया, साथ ही कई और वजहों के चलते वह पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे रहे हैं। मुस्लिम वोटरों में अपनी अलग पहचान रखने वाले आबिद के इस्तीफे के बाद अनुमान लगाया जा रहा बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी सपा का साथ छोड़ने की तैयारी में हैं।
नाराजगी जाहिर कर निष्कासन रद्द करने की कही थी बात
सपा का दामन छोड़ते ही आबिद अली ने बसपा का साथ पकड़ लिया है और अब सूत्रों की माने तो आबिद आंवला लोकसभा से बसपा के टिकट पर किस्मत आजमा सकते हैं| वहीं आंवला में अभी कुछ समय पहले कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद जिला अध्यक्ष और विधानसभा महासचिव के बीच विवाद हो गया था, जिसके बाद जिला अध्यक्ष ने विधानसभा महासचिव क़ो 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था| विधानसभा महासचिव के निष्कासन से नाराज विधानसभा अध्यक्ष और कार्यकर्ताओं ने प्रेस कांफ्रेंस अपनी नाराजगी जाहिर कर निष्कासन रद्द करने की बात कही थी, निष्कासन रद्द न होने पर इस्तीफा का दौर शुरू हो जाएगा।
फिलहाल बरेली जिले से अब सपा को ताबड़तोड़ लगातार झटके लग रहे हैं और उनके दिग्गज नेता भी पार्टी को अलविदा कह रहे हैं अब देखना होगा की पार्टी से इस्तीफे का दौर कब रुकता है, फिलहाल अब तक की स्थिति देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि सपा लोकसभा प्रत्याशी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।