मुख्तार अंसारी की मौत के करीब 23 दिन बाद फिर से राजनीति में सक्रिय हुए अफजाल ,कार्यकर्ताओं से मिलकर आगामी चुनाव की रणनीति पर की चर्चा

रिपोर्ट – एकरार खान 

उत्तर प्रदेश – गाजीपुर के सांसद और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अफजाल अंसारी जो मुख्तार अंसारी की मौत के करीब 23 दिन के बाद फिर से राजनीति में सक्रिय हुए हैं और कार्यकर्ताओं से रूबरू होकर लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाएंगे |आज जंगीपुर विधानसभा के सेक्टर और बूथ कार्यकर्ताओं से मिलकर आगामी चुनाव की रणनीति पर चर्चा की।

23 दिन तक चुनाव प्रचार से दूर रहना पड़ा

बता दें कि प्रथम चरण के लिए उत्तर प्रदेश के आठ सीटों पर और पूरे देश में करीब 102 सीटों पर चुनाव हो चुके हैं| हमारे यहां चुनाव 1 जून को है अंतिम चरण में 7 में से नामांकन और उसकी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी | इस दौरान उन्होंने करीब 23 दिन तक चुनाव प्रचार नहीं किया | इस पर उन्होंने कहा कि इस बात की समीक्षा मीडिया करें, क्योंकि इस दौरान हमारे मीडिया के भाई हमारा चुनाव प्रचार करते रहे| चुनाव की तैयारी के सिलसिले में पांचो विधानसभा का जब मैं चुनाव प्रचार कर रहा था, उस समय विपक्ष का किसी भी प्रत्याशी की घोषणा नहीं हुई थी और इसी दौरान छठे राउंड के दौरान घटना हुई जिसके बाद मुझे 23 दिन तक चुनाव प्रचार से दूर रहना पड़ा।

माफिया मुख्तार अंसारी के भाई और सांसद अफजाल अंसारी को हाई कोर्ट से मिली  बड़ी राहत, जानें क्या है पूरा मामला। Mukhtar Ansari brother and MP Afzal  Ansari got a big reliefजनता में सरकार के विफलताओं की चर्चा हो रही है

इस दौरान उन्होंने अपने टिकट काटे जाने के मामले को लेकर कहा कि चर्चा उसकी करते हैं जिससे लोग डरते हैं उसके लिए तमाम साजिश करते हैं 80 सीटों का नारा देने वाली भारतीय जनता पार्टी यह जानती है कि यह खोखला नारा जनता के गले में उतर नहीं रहा है | जनता में सरकार के विफलताओं की चर्चा हो रही है, महंगाई और भ्रष्टाचार के सवाल पर कोई भी बोल नहीं रहा | अब सवाल यह है कि हमारे पीछे पड़े हुए हैं तो उन्होंने अपने देखा पिछले दिनों और उसे प्रयास में थे उन्हें कुछ समय के लिए सफलता भी मिली। फर्जी और निराधार मुकदमे के आधार पर जिस मामले में कोर्ट ने हमें बरी कर दिया था और इसके आधार पर समक्ष न्यायालय ने दोष सिद्ध कर 4 साल की सजा सुना दी| हमने कानून के रास्ते से अपील की| हाई कोर्ट में जिससे हाई कोर्ट से हमारी जमानत मंजूर हुई | इसके बाद हम सर्वोच्च न्यायालय गए जहां 4 साल की सजा का आदेश था उसे स्थगित कर दिया गया और हमारे अपील के निस्तारण तक वह आदेश स्थगित रहेगा ऐसा फैसला आ गया| उसके बाद मेरी सदस्यता भी बहाल हुई और चुनाव लड़ने योग्य भी घोषित हुआ | जो अपील है उसके लिए सर्वोच्च न्यायालय ने 30 जून तक के लिए डायरेक्शन दिया हुआ है, इसके निस्तारण के लिए प्रयास किया जाएगा।

अफजाल अंसारी की गाजीपुर से उम्मीदवारी पर खतरा, कोर्ट से न मिली राहत तो टिकट  काटेगी सपा | Afzal Ansari Mukhtar Ansari brother Akhilesh Yadav party  candidate from Ghazipur Lok Sabha seatहम न्यायपालिका को सर्वोपरि मानते हैं

उसके बाद से ही हमारी अपील सुनवाई में लग रही है हमारे हर तारीख पर हमारे वकील न्यायालय के सामने उपस्थित रहे हम न्यायपालिका को सर्वोपरि मानते हैं, हमें तो उम्मीद है लेकिन गोदी मीडिया वालों को विपक्षी दल को यह पता हो की उच्च न्यायालय में फैसला क्या आने वाला है लेकिन मुझे नहीं पता है मैंने कानून के रास्ते अपील दाखिल कर दी है |इस मामले में हाई कोर्ट के न्यायाधीश को न्याय करना है जो प्रत्याशी घोषित हुए हैं यह लोग इस समय विपक्ष में अफजाल अंसारी के नाम को लेकर घबराहट है।

मामले को लेकर पुख्ता सबूत हमारे पास

गाजीपुर की जनता जो हमारे साथ घटना हुई है उसको लेकर मर्माहत है और उनका इलाज भी ना किया जाए ऐसा भी प्रबंध किया गया है | जिसमें सरकार प्रशासनिक मशीनरी जेल का प्रशासन और मेडिकल स्टाफ यह सब जो उनके हत्या के मामले में इंवॉल्व रहे हैं आने वाले समय में सब बेनकाब हो जाएंगे | इस मामले को लेकर पुख्ता सबूत हमारे पास है इनके पाप की सजा कानून से मिलेगी, लेकिन मौजूदा समय में जनता जनार्दन अन्याय करने वालों को जवाब देने का काम करेगी। इसकी सजा के लिए लोग पूरे पूर्वांचल में भाजपा को सफाई करके और इसका असर पूरे उत्तर प्रदेश बिहार और अन्य राज्यों में भी पड़ेगा|

इस दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अफजाल अंसारी ने अपने कार्यकर्ताओं को टीवी देखना बंद करने की बात कही क्योंकि उनका कहना है कि सरकार का यह लोग कवच बनकर काम कर रहे हैं| उन्होंने कहा कि पूरा पूर्वांचल हार रहे हैं हालांकि मोदी की एक सीट अभी तक सुरक्षित है| इस दौरान उन्होंने मीडिया आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पास कोई खबर नहीं है तो अफजल का टिकट कटवा रहे हैं।

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published.