KNEWS DESK- भारतीय संस्कृति में खाने के तरीके को भी खास महत्व दिया जाता है। देश के अलग-अलग हिस्सों में भोजन परोसने के अलग-अलग अंदाज़ हैं। दक्षिण भारत में केले के पत्ते पर खाना परोसना न सिर्फ परंपरा का हिस्सा है बल्कि इसे शुभ भी माना जाता है। शादी-ब्याह, त्योहार या फिर किसी खास मौके पर वहां भोजन केले के पत्ते पर ही परोसा जाता है। आजकल इसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ गई है कि कई और जगह भी लोग केले के पत्ते का इस्तेमाल करने लगे हैं।

केले के पत्तों में पॉलीफेनोल्स पाए जाते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट का काम करते हैं। इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करते हैं। सबसे खास बात यह है कि केले का पत्ता पूरी तरह से इको-फ्रेंडली है और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता।
दुनिया में कहां होता है केले के पत्ते का इस्तेमाल
- भारत (दक्षिण भारत) – ताज़े केले के पत्ते पर खाना खाना आम परंपरा है।
- थाईलैंड और इंडोनेशिया – यहां खाने की चीजों को स्टीम करने के लिए केले के पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है।
- लैटिन अमेरिका और अफ्रीका – कई व्यंजनों को पकाने और परोसने में इसका उपयोग किया जाता है।
क्या केले का पत्ता खाने का स्वाद बदल देता है?
आमतौर पर केले के पत्ते का अपना कोई स्वाद नहीं होता, लेकिन जब गर्म खाना उस पर रखा जाता है तो पत्तों से नेचुरल ऑयल और वैक्स कोटिंग रिलीज होती है। इससे खाने में हल्की-सी ग्रासी अरोमा और ताजगी का अहसास आता है। यही वजह है कि केले के पत्ते पर परोसा गया खाना स्वाद में और भी बेहतर लगता है।
केले के पत्ते पर खाना खाने के फायदे
- पोषक तत्वों की बढ़ोतरी – इसमें मौजूद पॉलीफेनोल्स, विटामिन A और C गर्म खाने के साथ मिलकर न्यूट्रिशन वैल्यू बढ़ा देते हैं।
- एंटी-बैक्टीरियल गुण – बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं और शरीर को बीमारियों से बचाते हैं।
- इको-फ्रेंडली विकल्प – प्लास्टिक और थर्माकोल के बर्तनों की तुलना में यह पर्यावरण के लिए पूरी तरह सुरक्षित है।
- स्वाद और खुशबू – पत्ते से निकलने वाला प्राकृतिक तेल और कोटिंग खाने को और स्वादिष्ट बना देते हैं।
कुल मिलाकर, केले के पत्ते पर खाना सिर्फ परंपरा ही नहीं बल्कि सेहत और स्वाद दोनों के लिए फायदेमंद है।