महामारी के दौरान टाइप-2 डायबिटीज़ की दर में वृद्धि हुई है, जिससे संबंधित स्वास्थ्य जटिलताओं को लेकर चिंताएं भी बढ़ी हैं। हालांकि, लंबे समय से शोधकर्ताओं ने इस स्थिति को रोकने और नियंत्रित करने में मदद पाने के लिए आहार के महत्व पर ज़ोर दियासेज लीव्ज़ यानी ऋषि के पत्तों को लंबे समय से मधुमेह के उपाय के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। शोध से पता चलता है कि वे रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। इस जड़ी बूटी और मधुमेह के बीच संबंध की जांच करने वाले एक अध्ययन में पाया गया कि ऋषि के पत्तों का अर्क एक विशिष्ट रिसेप्टर को सक्रिय करके चूहों में रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है।
इस तरह फायदा पहुंचाते हैं ऋषि के पत्ते
एक क्लीनिकल ट्रायल जिसमें 80 ऐसे लोगों को शामिल किया गया जिन्हें टाइप-2 डायबिटीज़ थी और इसपर नियंत्रण बेहद ख़राब था। शोधकर्ताओं ने पाया कि दो घंटे के उपवास के बाद, उन लोगों का रक्त शर्करा के स्तर काफी कम हो गया जिन्हें ऋषि के पत्तों का अर्क दिया गया था। मनुष्यों में भी देखा गया कि जड़ी बूटी रोसिग्लिटाज़ोन के समान ही काम करती है, यह भी मधुमेह विरोधी दवा जो रक्त शर्करा को कम करती है और इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करती है। शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि ऋषि के पत्ते मधुमेह से जूझ रहे लोगों को उपवास के सिर्फ दो घंटे बाद ग्लूकोज़ कम करने में फायदा पहुंचा सकते हैं।