केरल में निपाह वायरस से फैली दहशत, सरकार ने लोगों को घरों में रहने की दी सलाह

KNEWS DESK…  कोरोना से भी खतरनाक निपाह वायरस ने लोगों के साथ-साथ केरल सरकार को भी दहशत में डाल दिया है. कभी पड़ोसी देश बांग्लादेश में लोगों को परेशान करने वाला निपाह वायरस केरल के कोझिकोड़ जिले में तेजी से फैल रहा है, जिसके बाद इसके अन्य जगहों पर फैलने का खतरा पैदा हो गया है.

दरअसल, सरकार की तरफ से लोगों को मास्क लगाने के अलावा इस वायरस से लक्षण आने पर डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी गई है. इस बीच खबर है कि मरीजों के संपर्क में आए 77 लोगों पर नजर रखी जा रही है. इसके साथ ही उच्च जोखिम वाले और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को निपाह को मास्क लगाने के लिए कहा है. इस बीच बुधवार को केरल के कोझिकोड जिले में निपाह वायरस का पांचवां मामला सामने आया है, जिसके बाद सतर्कता बरतते हुए सभी शिक्षण संस्थानों को आगामी दो दिन यानी बृहस्पतिवार और शुक्रवार को बंद करने का ऐलान किया है. इसके अलावा, अन्य सभी तरह की सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं. जिले के स्कूलों में छुट्टी की घोषणा खुद जिलाधिकारी ए. गीता ने ट्वीटर पर पोस्ट शेयर है. जिसमें लिखा है कि हालात के मद्देनजर दो दिन स्कूलों में अवकाश रहेगा, जबकि शैक्षणिक संस्थान ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प चुन सकते हैं.

मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज से होगा इलाज 

माना जा रहा है कि  हालात पर काबू पाने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद निपाह वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज मुहैया कराना शुरू करेगा, विशेषज्ञों के अनुसार, मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ही निपाह वायरस संक्रमण में एकमात्र कारगर इलाज साबित हो सकता है। यह अलग बात है कि निपाह के इलाज में इसे पूरी तरह से कारगर नहीं बताया गया है.

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यह कम संक्रामक है, लेकिन मृत्यु दर अधिक है

जानकारी के लिए बता दें कि केरल के कोझिकोड जिले में निपाह वायरस से अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि नौ साल के बच्‍चे की हालत काफी गंभीर है. मिली जानकारी के अनुसार, बच्चे के संपर्क में आए 60 लोगों का पता लगा लिया गया है. उधर, केरल के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री के अनुसार, निपाह से पीड़ित यह बच्चा कोझिकोड के एक अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. उन्होंने लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है. गौरतलब है कि केरल में पाया गया निपाह स्ट्रेन बांग्लादेशी वैरिएंट है. यह कम संक्रामक है, लेकिन मृत्यु दर अधिक है. यह स्ट्रेन आदमी से आदमी में तेजी से फैलता है.

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