KNEWS DESK- टाइटैनिक नाम का जानामाना जहाज, 1912 में अपनी उद्घाटन यात्रा के दौरान उत्तर अटलांटिक महासागर में हिमखंड से भिड़ने के वजह से डूब गया था, जिसके परिणामस्वरूप 1,500 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। 1985 में अटलांटिक महासागर के तल में गहरे जलपोत की खोज के बाद से, पोत के अवशेषों की जांच के लिए व्यापक अन्वेषण प्रयास किए गए हैं। जिससे उसके 2 हिस्से हो गए थे और अटलांटिक महासागर में एक दूसरे से 2000 फ़ीट की दूरी पर ओसियन बीएड पर पड़े हैं।
इसी टाइटैनिक के मलबे को टूरिस्ट्स को अन्वेषण करवाने के लिए ले जाने वाले एक पनडुब्बी की अपने चालक दल के साथ अटलांटिक महासागर में लापता होने की सुचना मिली है। महासागर में जिस स्थान पर सबमर्सिबल गायब हुआ है, उसका स्थान अभी अज्ञात है।
यह पनडुब्बी जो 5 लोगों को समायोजित कर सकता है और इससे लगभग 8 घंटे लगते है क्षतिग्रस्त टाइटैनिक का एक पूर्ण गोटा लगाने में। 19 जून को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान, अदिकारिक तौर पर पुष्टि की गई कि सबमर्सिबल में कुल 5 व्यक्ति सवार थें। वह के तटरक्षक अधिकारी के मुताबिक, कर्मियों में एक ऑपेरटर और चार मिशन विशेषज्ञ जो की असल में यात्री थे।
रिपोर्टों ने जारी किया कि लापता सबमर्सिबल का पता लगाने के लिए सर्च और बचाव अभियान चल रहें हैं। पनडुब्बी का स्वामित्व ओसियन गेट एक्सपीडिशन के पास था। यह कंपनि गहरे समुद्र में अभियानों के लिए मनवयुक्त पनडुब्बियां बनाने में विशेषज्ञ है। इस कंपनी ने अपने एक बयान में कहा कि वे चालक दल की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से सभी संभावित रास्ते तलाश रहे हैं। आमतौर पर, सबमर्सिबल में चार दिन की ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है और इसमें एक पायलट, तीन पेइंग गेस्ट्स और एक सामग्री विशेषज्ञ शामिल होते हैं।