तोशखाना केस में इमरान खान को मिली बड़ी राहत, HC ने रिहा करने का दिया आदेश

KNEWS DESK- पाकिस्तानी के इस्लामाबाद हाई कोर्ट पूर्व PM इमरान खान को तोशखाना भ्रष्टाचार के केश में फैसला सुनाता है। जिसमें इमरान खान को HC से राहत मिल गई है। इमरान खान पर आरोप था कि उन्होंने सस्ते दामों में सरकारी गिफ्ट को खरीदा था और फिर उन गिफ्ट को बाद में  महंगे दामों में बेच था। जिस पर इमरान खान को तोशाखाना मामले में 3 साल की सजा सुनाई गई थी।

आपको बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्लामाबाद की एक निचली कोर्ट ने 5 अगस्त को दोषी ठहराते हुए 3 साल कारावास की सजा सुनाई थी। PM कार्यकाल के दौरान उन्हें और उनके परिवार को मिले राजकीय उपहारों को अवैध रूप से बेचने के आरोप में सजा सुनाई गई थी। उनके आगामी चुनाव लड़ने पर रोक लगाते हुए उन्हें 5 साल के लिए राजनीति में हिस्सा लेने पर रोक लगा  दी गई थी। तो वही इमरान खान को तोशखाना भ्रष्टाचार के केश में हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारुक और न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगीरी की बेंच ने दोनों पक्षों के वकीलों की बात सुनने के बाद फैसला सुनाया और रिहाई के आदेश दे दिए है और फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसके बाद जजों के बेंच ने कहा था कि फैसला आज 11 बजे सुनाया जाएगा। HC ने इससे पहले दिन में उस अपील की सुनवाई फिर से शुरू की है। जो  22 अगस्त से कोर्ट में सुनाई जा रही थी। इससे पहले पाकिस्तान निर्वाचन आयोग  का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील अमजद परवेज बीमार होने की वजह से अदालत में पेश नहीं हो पाए थे। इसी कारण  बीते शुक्रवार को सुनवाई स्थगित कर दी गई थी। इमरान खान के वकील लतीफ खोसा ने उनकी दोषसिद्धि के खिलाफ अपनी बहस बीते गुरुवार को पूरी कर ली थी और कहा था कि यह फैसला बहुत जल्दबाजी में दिया गया है और खामियों से भरा हुआ है। उन्होंने कोर्ट से फैसले को रद्द करने का आग्रह किया था। लेकिन बचाव पक्ष ने अपनी बहस को पूरी करने के लिए और वक्त दिए जाने की मांग की थी।

जानकारी के लिए बता दें कि मीडिया के अनुसार बलूचिस्तान हाई कोर्ट ने इमरान खान के खिलाफ दर्ज एक अन्य प्राथमिकी रद्द कर दी है। एक भाषण के दौरान सरकारी संस्थानों व उनके अधिकारियों के खिलाफ टिप्पणी करने को लेकर यह केश दर्ज किया गया था। निर्वाचन आयोग के वकील अमजद परवेज ने HC से केश में सरकार को प्रतिवादी बनाने के लिए नोटिस जारी करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि कानून ने इसे आवश्यक बना दिया है।

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