डोनाल्ड ट्रंप ने राष्‍ट्रपति का पद संभालते ही किये कई फैसले, भारत-अमेरिका संबंधों में नया अध्याय शुरू

KNEWS DESK –  डोनाल्ड ट्रंप ने चार साल के अंतराल के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेकर एक बार फिर दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश का नेतृत्व संभाल लिया है। उनके कार्यकाल की शुरुआत ही नीतिगत फैसलों और अंतरराष्ट्रीय मंच पर बदलती प्राथमिकताओं से हो रही है। राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियां परंपरागत साझेदार देशों और विरोधियों के बीच हलचल पैदा कर रही हैं। चीन, जापान और ब्रिटेन जैसे देश ट्रंप प्रशासन के अगले कदम को लेकर सतर्क हैं, जबकि भारत के साथ उनके रिश्तों को नई मजबूती मिलने की संभावनाएं दिख रही हैं।

भारत और अमेरिका के बीच बढ़ती नजदीकियां

डोनाल्ड ट्रंप की नई सरकार ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए तत्परता दिखाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होकर यह संदेश दिया कि भारत अमेरिका के साथ संबंधों को प्राथमिकता देता है।

शपथ ग्रहण समारोह के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वॉल्ट्ज, विदेश मंत्री मार्को रुबियो, और क्वाड (QUAD) देशों के अन्य विदेश मंत्रियों के साथ बैठकें कीं। इन बैठकों में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने, सुरक्षा सुनिश्चित करने और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा हुई।

QUAD बैठक में भारत की अहम भूमिका

क्वाड की बैठक में ऑस्ट्रेलिया, जापान, भारत और अमेरिका के विदेश मंत्रियों ने पिछली नीतियों की समीक्षा की और आगे के कदमों पर विचार किया। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति ट्रंप इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के प्रभाव को संतुलित करने के लिए क्वाड को मजबूत करने के पक्षधर हैं। उन्होंने आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाने, नेविगेशन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने और आपदाओं के लिए त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र विकसित करने पर जोर दिया।

सूत्रों के अनुसार, ट्रंप प्रशासन ने यह संकेत दिया है कि भारत-अमेरिका संबंध उनके लिए रणनीतिक प्राथमिकता है। ट्रंप सरकार आईटी, रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और वाणिज्य जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए तैयार है।

भारत-अमेरिका संबंधों में नई शुरुआत

डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद विदेश मंत्री जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई। यह बैठक बेहद सकारात्मक रही, जिसमें दोनों देशों ने आपसी हितों पर आधारित सहयोग को गहरा करने पर सहमति जताई। इस बैठक ने स्पष्ट किया कि अमेरिका भारत के साथ रक्षा और आर्थिक क्षेत्रों में साझेदारी को और मजबूती देना चाहता है।

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में ट्रंप की रणनीति

राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को प्राथमिकता दी थी। उन्होंने इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 2017 में क्वाड बैठक की शुरुआत की थी। अब, अपने दूसरे कार्यकाल में, वह इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने के संकेत दे रहे हैं।

भारत-अमेरिका साझेदारी: एक नया अध्याय

ट्रंप प्रशासन भारत को एक प्रमुख रणनीतिक साझेदार के रूप में देखता है। दोनों देशों के बीच आईटी, रक्षा और व्यापार के क्षेत्र में पहले से ही मजबूत संबंध हैं, जिन्हें अब और गहरा करने की योजना है। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच व्यक्तिगत तालमेल भी इस साझेदारी को मजबूत करने में सहायक होगा।

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