1993 में बम धमाकों से मुंबई को दहलाने वाले दाउद इब्राहिम ने पाकिस्तान में रहते हुए फिर एक बार देश के खिलाफ साजिश रची है। दाउद, दिल्ली और धमाका की साजिश एक बार फिर नाकाम जरूर हो गई है लेकिन खतरा बरकरार है। राजधानी दिल्ली समेत देश के कई राज्यों और शहरों में धमाके करने के आतंकी मंसूबे को राजधानी की सुरक्षा एजेन्सियों और यूपी एटीएस ने समय रहते नाकाम तो कर दिया लेकिन काफी दिनों से शान्त बैठे दाउद ने साबित कर दिया है कि वो शान्त नहीं बैठा है बल्कि लगातार भारत के खिलाफ आतंकी रणनीति बना रहा है। लगभग 28 सालों के बाद एक बार फिर दाउद इब्राहिम ने पाकिस्तान में बैठ कर भारत में बड़े धमाके करने का प्लान बनाया जिसकी कमान उसने अपने भाई अनीस इब्राहीम को सौंपी।
बॉम्बे ब्लास्ट की यादें ताजा करने की कोशिश
मार्च 1993 के बम धमाकों की याद ताजा करने की कोशिश एक बार फिर की गई। दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में बैठकर भारत के कई शहरों को दहलाने की कोशिश की। पाकिस्तान में प्रशिक्षण हासिल कर दो पाक नागिरक भारत में इस आतंकी मॉड्यूल का संचालन कर रहे थे। उनके लिए यहां 4 लोग काम करते थे। जो उनके आतंकी मकसद को अंजाम तक पहुंचाने की साजिश में जुटे थे। गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकी मॉड्यूल के लिए काम करने वाले 6 लोगों में से दो ने पाकिस्तान में ट्रेनिंग हासिल की थी। इस आतंकी मॉड्यूल का खुलासा करने के लिए एजेंसी ने उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और दिल्ली में छापेमारी की थी। एजेंसी का दावा है कि पकड़े गए इन संदिग्ध आतंकियों के पास से बड़ी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद हुए हैं। 12 मार्च 1993 को मुंबई में सिलसिलेवार 12 जगहों पर हुए धमाकों में 257 लोग मारे गए थे जबकि 713 लोग घायल हुए थे। बॉम्बे स्टॉक एक्सेंज की 28 मंज़िला इमारत की बेसमेंट में दोपहर 1.30 बजे धमाका हुआ था जिसमें लगभग 50 लोग मारे गए थे। इसके आधे घंटे बाद एक कार धमाका हुआ और अगले दो घंटे से कम समय में कुल 13 धमाके हो चुके थे। इन धमाकों में करीब 27 करोड़ रुपए की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था। मामले में 123 अभियुक्त हैं जिनमें से 12 को निचली अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई थी। 20 लोगों को उम्र कैद की सज़ा सुनाई गई थी जिनमें से दो की मौत हो चुकी है। इनके अलावा 68 लोगों को उम्र कैद से कम की सज़ा सुनाई गई थी जबकि 23 लोगों को निर्दोष माना गया था।
पाकिस्तानियों के इशारे पर हो रहा काम
गिरफ्तार पाक आधारित आतंकी मॉड्यूल के सदस्य दो पाकिस्तानियों के इशारे पर काम कर रहे थे। उनका मकसद नवरात्र और अन्य त्यौहारों पर आतंकी वारदात करना था। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के स्पेशल सीपी नीरज ठाकुर ने बताया कि इस आतंकी मॉड्यूल का कनेक्शन डी कंपनी से बताया जा रहा है। यह टेरर मॉड्यूल आईएसआई की सरपरस्ती में बड़ी साजिश रच रहा था। पकड़े गए 6 आतंकियों में से 2 पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर वापस आए हैं। यह दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल का मल्टी स्टेट ऑपरेशन था। स्पेशल सीपी नीरज ठाकुर के अनुसार खुफिया एजेंसियों से इस आतंकी मॉड्यूल की जानकारी मिली थी. जांच में पता चला कि इनका नेटवर्क कई राज्यो में फैला है। महाराष्ट्र का रहने वाला एक आतंकी कोटा से गिरफ्तार किया गया है। 3 संदिग्ध आतंकियों को यूपी एटीएस की मदद से गिरफ्तार किया गया। जबकि दो संदिग्ध दिल्ली से पकड़े गए हैं। इनमें से 2 को मस्कट ले जाया गया था, फिर वहां से बोट के जरिए इन्हें पाकिस्तान ले जाया गया था। आरोपियों ने बताया कि इनके साथ 14 लोग बंगला बोलने वाले थे। वहां उन्हें एक फार्म हाउस में हथियारों की ट्रेनिंग दी गई। पता चला कि दाऊद का भाई अनीस इब्राहिम एक टीम को लीड कर रहा था। उनका काम फंडिंग का था। एक आरोपी लाला पकड़ा गया है, जो अंडरवर्ल्ड का आदमी है। आतंकियों ने 2 टीम बनाई थी। दूसरी टीम का काम इंडिया में फेस्टिवल के मौके पर देश भर में ब्लास्ट के लिए शहरों को चिन्हित करना था। आतंकियों को इनपुट मिला था, जिससे पता चला था कि भारत के कुछ हिस्सों में आतंकी घटना होने वाली हैं। टेक्निकल सर्विलांस के जरिये इसको कन्फर्म किया गया कि ऐसी साजिश रची जा रही है। जिन दो लोगों को पाकिस्तान ले जाया गया था, उन्हें 15 दिनों की ट्रेनिंग दी गई थी। सूत्रो के मुताबिक फेस्टीवल सीजन में जगह-जगह ब्लास्ट करवाना इनकी मुख्य साजिश थी, जिसमें रामलीला और नवरात्र इनके टारगेट पर थे.हांलांकि समय रहते सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकी मंसूबे को नाकाम जरूर कर दिया है लेकिन गहनता से जांच की जाएगी तो निश्चित तौर पर इन आतंकियों के मददगार और कई सफेदपोशों के नाम उजागर होंगे। स्पेशल डेस्क केन्यूज इंडिया।