हर वर्ष 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस को मनाया जाता है। इतिहास से पता चलता है की 20 अगस्त,1987 को लिवरपूल स्कूल ऑफ ट्रापिकल मेडिसिन के ब्रिटिश डॉ रोनाल्ड रॉस ने मादा एनाफीलिज मच्छर की खोज करी थी। इस मच्छर के काटने से मलेरिया होता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य कारण लोगों को मच्छर के काटने से होने वाली बीमारियाँ और बचाव से जागरूक करना है। खासकर बरसात के दिनों में मच्छर का आतंक बढ़ जाता है। इस मौसम में अनेक बीमारियाँ पनपती है।
मच्छर बीमारियों का वाहक है। मच्छर के काटने से डेंगू,चिकनगुनिया, जिका वायरस, और मलेरिया का खतरा बढ़ जाता है। इनमें डेंगू और मलेरिया सबसे खतरनाक है। इन दोनों बीमारियों में लापरवाही बिल्कुल नहीं बरतनी चाहिए। ये बीमारियाँ जानलेवा साबित हो सकती है। एक रिपोर्ट की माने तो साल 2010 अफ्रीका में मच्छर के काटने से सबसे अधिक मौतें हुई थी।
इसके लिए साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें। साथ ही पूरी बाजू वाले कपड़े पहने। इसके अलावा, रात में मच्छरों के आतंक से बचने के लिए रेपलेंट का इस्तेमाल करें। जागरूक रहें और साथ में औरों को भी जागरूक करें।