Knews Desk, हरियाणा में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली की ओर से केंद्रीय चुनाव आयोग को छुट्टियों को हवाला देते हुए मतदान की तारीख में बदलाव को लेकर की गई मांग पर अब राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। एक ओर जहां विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने बडोली की मांग को जायज बताया है। वहीं, कांग्रेस और जन नायक जनता पार्टी ने इसे हार के डर से कांग्रेस की बौखलाहट करार दिया जा रहा है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने तो इस बारे में अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर बकायदा पोस्ट भी की है। चलिए अब आपकों विस्तार से समझाते है कि आखिर ये पूरा माजरा है क्या? और इस पर क्यों बवाल हो रहा है?
ऐसे शुरु हुआ पूरा बवाल
दअरसल हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष मोहनलाल बडोली की ओर से एक अक्टूबर को मतदान की तारीख को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग को पत्र लिखकर तारीख बदलने की मांग की गई। इसके पीछे तर्क दिया गया 28 अगस्त से 2 अक्टूबर तक लगातार होने वाली छुट्टियों का। इस दौरान केवल एक दिन यानि 30 अगस्त को कार्य दिवस होगा। ऐसे मामलों में अधिकतर लोग बीच के एक दिन का भी अवकाश लेकर परिवार के साथ वीकेंड मनाने चले जाते हैं। इसके बडोली ने 2 अक्टूबर को आसोज की अमावस्या का भी अपने पत्र में हवाला दिया है, क्योंकि इस दिन बिकानेर जिले की नोखा तहसील के मुकाम गांव में हर वर्ष मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें बिश्नोई समाज के लोग भारी संख्या में शामिल होते हैं। इसलिए बड़ोली ने इन छुट्टियों को हवाला देते हुए मतदान प्रतिशत कम होने की आशंका जाहिर की।
विपक्ष ने बताया बीजेपी की बौखलाहट
मोहनलाल बडोली की ओर से मतदान की तारीख बदलने की मांग किए जाने को कांग्रेस ने इसे बीजेपी की घबराहट करार दिया है। कांग्रेस के लोकसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा कि अपनी हार सामने देखकर सत्ताधारी पार्टी द्वारा बचकाने तर्क दिए जा रहे हैं, क्योंकि उनके पास न कोई मुद्दा है और न जनता को बताने लायक कोई काम या उपलब्धि और न ही टिकट देने लायक 90 उम्मीदवार। इसलिए बीजेपी छुट्टियों का बहाना बनाकर चुनाव टालने की साजिश कर रही। हरियाणा के मतदाता बेहद जागरूक है। वो कहीं छुट्टी मनाने नहीं जाएंगे, बल्कि बीजेपी की छुट्टी करने के लिए भारी संख्या में मतदान केंद्र आकर वोट करेंगे।
दिखाई दे रही बीजेपी की घबराहट
जेजेपी नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर चुनाव में देरी करने की मांग की है। यह उनकी घबराहट दिख रही है। बिल्कुल साफ नजर आ रहा है कि हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी 20 सीटों से भी नीचे आ रही है। मुझे नहीं लगता चुनाव आयोग एक बार तारीख को घोषणा करने के बाद उसमें कुछ बदलाव करेगा। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा की जनता आक्रोशित है और बडोली का यह बयान की मतदान काम होगा बिल्कुल गलत है। हरियाणा के लोग बीजेपी के खिलाफ है और बहुत ज्यादा संख्या में मतदान करेंगे।
विधानसभा अध्यक्ष ने किया समर्थन
विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन बडोली की ओर से मतदान की तारीख बदलने की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि इस पर आखिरी फैसला चुनाव आयोग को करना है, लेकिन लोकतंत्र को मजबूत बनाने और अधिक से अधिक मतदान करवाने के लिए आयोग भी अपनी तरफ से कोशिश करता है। इसलिए हरियाणा में मतदान की तारीख में बदलाव होना चाहिए।
बिश्नोई समाज भी लिख चुका है पत्र
भले ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडोली ने मतदान की तारीख बदलने को लेकर आज चुनाव आयोग को पत्र लिखा है, लेकिन इससे पहले अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेन्द्र बुडिया भी तारीख बदलने को लेकर चुनाव आयोग को पत्र लिख चुके हैं। वह भी अपने पत्र में बिकानेर जिले की नोखा तहसील के गांव मुकाम में हर वर्ष की तरह इस वर्ष 2 अक्टूबर को आसोज की अमावस्या पर लगने वाले मेले का हवाला दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस मेले में शामिल होने के लिए देश भर से बिश्नोई समाज के लोग एक दिन पहले पहुंचते है और मेला खत्म होने के बाद ही वापस लौटते हैं। ऐसे में इस बार एक अक्टूबर को समाज के लोग वहां पहुंचेंगे और 3 अक्टूबर को ही वापस होंगे। इसके चलते बिश्नोई समाज लोकतंत्र के महापर्व में भाग लेने से वंचित रह सकता है। बुडिया भी इसे लेकर चुनाव आयोग से मतदान की तारीख बदलने की मांग कर चुके हैं।
कांग्रेस ने दिया था पितृपक्ष का हवाला
हरियाणा में मतदान की तारीख और दिन को लेकर जितेंद्र भारद्वाज ने कहा था कि एक अक्टूबर को श्राद्ध है और श्राद्ध में कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते। ऐसे में खुद को सनातनी बताने वाली पार्टी और खुद को देश में सनातन का स्वराज लौटाने वाली पार्टी अब पितृ पक्ष में चुनाव करवा रही है। इसलिए सरकार को हरियाणा में होने वाले मतदान की तारीख में बदलाव करवाया जाना चाहिए।
पंजाब में भी बदली गई थी तारीख
मोहन लाल बड़ोली ने 2022 में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए लिखा कि पंजाब विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए 14 फरवरी 2022 की तारीख घोषित की गई थी, लेकिन 16 फरवरी 2022 को संत रविदास जयंती होने के कारण उसे बदलकर 20 फरवरी 2022 किया गया था।
आयोग लेगा अंतिम फैसला
मतदान की तारीख बदलने को लेकर शुरू हुई राजनीति पर हालांकि अंतिम फैसला केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से किया जाएगा, लेकिन इसे लेकर अभी से राजनीति शुरू हो गई है। खैर ऐसे में देखने वाली बात होगी कि चुनाव आयोग इन सबकों देखते हुए क्या फैसला लेता है?