KNEWS DESK- 12 मार्च, 1968 की तारीख मॉरीशस के इतिहास में महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन मॉरीशस ब्रिटिश उपनिवेश से स्वतंत्र हुआ था। यह दिन न केवल मॉरीशस के लिए, बल्कि भारत के साथ इसके ऐतिहासिक संबंधों के लिए भी खास है। भारत और मॉरीशस के रिश्ते गहरे और ऐतिहासिक रहे हैं, जिनका जश्न हर साल इस दिन मनाया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस खास मौके पर मॉरीशस में मौजूद हैं, जहां उन्हें राष्ट्रीय दिवस समारोह में चीफ गेस्ट के रूप में आमंत्रित किया गया है।
मॉरीशस और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंधों का एक अहम अध्याय महात्मा गांधी से जुड़ा है। 1901 में, जब गांधीजी दक्षिण अफ्रीका से लौट रहे थे, तो उन्होंने मॉरीशस में भी समय बिताया था। इस दौरान उन्होंने भारतीय कामगारों से संवाद किया और उन्हें शिक्षा के महत्व, राजनीतिक सशक्तिकरण और भारत से जुड़ाव के बारे में तीन प्रमुख संदेश दिए। बापू की दक्षिण अफ्रीका यात्रा में मॉरीशस एक अहम पड़ाव था, और उन्होंने भारतीयों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक किया।
मॉरीशस में भारतीयों का आगमन 1700 के दशक में शुरू हुआ था, जब यह द्वीप फ्रांसीसी उपनिवेश के अधीन था। वे पुडुचेरी और अन्य भारतीय क्षेत्रों से कारीगर और राजमिस्त्री के रूप में यहां आए थे। 1800 के दशक में जब ब्रिटिशों ने यहां कब्जा किया, तो उन्होंने फ्रांसीसी शासन की दास प्रथा को समाप्त किया। 1830 से 1900 तक, करीब पांच लाख भारतीय गिरमिटिया मजदूर मॉरीशस में लाए गए, जिनके कारण यहां भारतीय संस्कृति और परंपराओं का प्रभाव पड़ा।
मॉरीशस ने अपनी स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया, और भारत ने इस संघर्ष में उनका समर्थन किया। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नेता, जैसे महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरोजिनी नायडू ने मॉरीशस के स्वतंत्रता संग्राम के नेताओं से भी संवाद किया और उन्हें प्रोत्साहित किया। इसके बाद, 1968 में मॉरीशस ब्रिटिश उपनिवेश से स्वतंत्र हुआ और इसके बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित किए गए।
मॉरीशस में भारतीयों का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, विशेषकर भाषा और धर्म में। यहां की आबादी का अधिकांश हिस्सा हिन्दू है, इसके बाद ईसाई और मुस्लिम समुदाय हैं। मॉरीशस में मुख्य रूप से तीन भाषाएं बोली जाती हैं – क्रियोल, फ्रेंच और अंग्रेजी। क्रियोल मॉरीशस में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, जिसमें भारतीय, अफ्रीकी और अन्य भाषाओं के शब्द शामिल हैं। फ्रेंच का भी यहां एक महत्वपूर्ण स्थान है, खासकर मीडिया, व्यापार और शिक्षा में। अंग्रेजी आधिकारिक भाषा है, और इसका उपयोग सरकारी कामकाज और न्यायिक प्रणाली में किया जाता है।
मॉरीशस के भारतीय समुदाय की सांस्कृतिक और सामाजिक धारा बहुत मजबूत है। यहां की प्रमुख भाषा क्रियोल और भोजपुरी हैं, जो भारतीय समुदाय से जुड़ी हुई हैं। मॉरीशस में भारतीय मूल के लोग विभिन्न धर्मों और भाषाओं में बंटे हुए हैं, लेकिन उनका साझा इतिहास और संस्कृति उन्हें एकजुट करती है।
मॉरीशस की आजादी का दिन न केवल उनके इतिहास का एक अहम मोड़ है, बल्कि यह भारत के साथ उनके गहरे रिश्तों की भी याद दिलाता है। महात्मा गांधी के योगदान से लेकर भारतीय समुदाय के सामूहिक प्रयासों तक, मॉरीशस और भारत के बीच एक मजबूत ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध है, जो आज भी जीवित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस यात्रा ने इन संबंधों को और भी मजबूत किया है और दोनों देशों के बीच भविष्य में और अधिक सहयोग की उम्मीद जताई है।
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