नई दिल्ली,हनुमान जयंती के अवसर पर गृह मंत्रालय ने बुधवार को सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को त्योहार के दौरान कानून-व्यवस्था एवं शांति सुनिश्चित करने और समाज में साम्प्रदायिक सद्भाव को बाधित करने की आशंका वाले क्षेत्रों पर नजर रखने को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को हनुमान जयंती पर कानून व्यवस्थान बनाए रखने को कहा है। साथ ही कहा है कि त्योहार के दिन किसी भी प्रकार का सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वालों पर सख्त निगरानी सुनिश्चित की जाए।बता दें, रामनवमी का त्योहार देश भर में धूमधाम से मनाया गया था। लेकिन बिहार और पश्चिम बंगाल के कई जिलों में उपजी हिंसा के बाद से केंद्र की मोदी सरकार अलर्ट मोड पर है। पश्चिम बंगाल में रामनवमी के दिन से उपजी हिंसा अभी तक शांत नहीं हुई है। अभी भी कई जिलों में इंटरनेट सेवा बाधित होने की खबर है। साथ ही कई जिलों में धारा 144 भी जारी है। इस साल हनुमान जयंती छह अप्रैल को मनाई जाएगी. वहीं कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को हनुमान जयंती समारोहों के दौरान शांति बनाए रखने में राज्य पुलिस की मदद के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की अपील करने का बुधवार को निर्देश दिया.अदालत ने कहा कि हाल ही में हुई घटनाओं को मद्देनजर रखते हुए यह एडवाइजरी जारी की गई जिससे जनता को यह आश्वासन देने के लिए आदेश दिया जा रहा है कि वे सुरक्षित हैं और किसी तरह की पेरशानी का उन्हें सामना नहीं करना पड़ेगा. पिछले सप्ताह रामनवमी के जुलूस के दौरान तथा बाद में हावड़ा और हुगली जिलों में कुछ स्थानों पर दो गुटों के बीच झड़प हो गई थी. जिसके चलते लोगों को बहुत ही ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। इससे पहले राम नवमी के दिन जुलूस के दौरान कई राज्यों में हिंसा हुई थी. पश्चिम बंगाल और बिहार में हिंसा के चलते माहौल तनावग्रस्त हो गया है. जिसके चलते गृह मंत्रालय ने दोनों राज्यों से रिपोर्ट मांगी है. इसके अलावा जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी समेत 16 मुस्लिम बुद्धिजीवियों और उलेमाओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सांप्रदायिक हिंसा, नफरत एवं ‘इस्लामोफोबिया’ (इस्लाम के प्रति दुराग्रह) और भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मार डालने (मॉब लिंचिंग) की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया। केन्द्र सरकार ने साफतौर से स्पष्ट कर दिया कि किसी भी प्रकार से किसी भई राज्य में छोटी से छोटी घटना नहीं होनी चाहिए। देश के सभी राज्य व केन्द्र शासित प्रदेश हनुमान जयंती के पहले ही पूरी तरह से क्षेत्र में अशांति फैलाने वालों के खिलाफ हर तरह से निपटने की तैयारी कर लें।