KNEWS DESK – चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि 16 अप्रैल यानि आज है| हिंदू धर्म में नवरात्रि के नौ दिन बहुत खास माने जाते हैं। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विशेष पूजा-पाठ की जाती है। आज अष्टमी तिथि को मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है| ऐसी मान्यता है कि देवी दुर्गा अष्टमी तिथि पर ही असुरों का संहार करने के लिए प्रकट हुई थी। आज के दिन दुर्गा अष्टमी या महाअष्टमी का त्योहार बहुत जोर शोर से मनाया जाता है | कन्या पूजन भी किया जाता है चलिए आपको बताते हैं, दुर्गा अष्टमी का महत्व, पूजा विधि और मंत्र के बारे में…
महाष्टमी व्रत का महत्व
नवरात्रि में अष्टमी तिथि को महाष्टमी कहा जाता है| इस दिन मां दुर्गा की महागौरी के रुप में पूजा होती है| इस दिन देवी के अस्त्रों के रुप में पूजा होती है इसलिए इसे कुछ लोग वीर अष्टमी भी कहते हैं| मान्यता है कि इस दिन पूजा अर्चना करने से मां दुर्गा महागौरी की आराधना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं, समस्त दुखों का नाश होता है, सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है और हर मनोकामना पूर्ण होती है|
कन्या पूजन विधि
चैत्र नवरात्रि के अष्टमी तिथि के दिन महागौरी की पूजा की जाती है, जिसमें लाल वस्त्र पहनकर देवी महागौरी के सामने घी का दीपक जलाएं | अब मां को रोली, मौली, अक्षत, मोगरा पुष्प अर्पित करें | मां महागौरी को सफेद रंग अतिप्रिय है और इसलिए पूजा में सफेद रंग के पुष्प भी अर्पित करना बहुत शुभ माना गया है | इस दिन देवी को लाल चुनरी में सिक्का और बताशे रखकर जरूर चढ़ाएं और नारियल या नारियल से बनी मिठाई का भोग लगाएं | फिर मां महागौरी की आरती करें|
मां महागौरी का मंत्र
अष्टमी के दिन मां महागौरी का पूजन करने के बाद मां की आरती व मंत्रों का भी जाप करना बहुत ही लाभकारी माना जाता है | मान्यता है कि मां के इन मंत्रों का जाप करने से मां महागौरी जीवन के समस्त दुखों और कष्टों से मुक्ति दिलाती हैं|
1. ललाटं कर्णो हुं बीजं पातु महागौरी मां नेत्रं घ्राणो। कपोत चिबुको फट् पातु स्वाहा मा सर्ववदनो॥
2. श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:
3. श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
4. या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।