knews DESK- आदिपुरुष फिल्म पहले दिन से विवादों के घेरे में है और रिलीज के एक हफ्ता बाद भी विवाद थमने का का नाम नहीं ले रहा है| लोगों को फिल्म से बहुत सारी शिकायते हैं, किसी को फिल्म का VFX पसंद नहीं आया तो किसी को फिल्म के डायलॉग | फिल्म को लेकर रोज नए विवाद सामने आते हैं जिसके चलते फिल्म मेकर्स पर सभी आरोप लगा रहे हैं, कोई उन्हें गिरी सोच वाला कह रहा है तो कोई संस्कृति का मजाक बनाने वाला |फ़िलहाल फिल्म डायलॉग्स बदल दिए गए हैं, फिर भी कुछ लोग ऐसे हैं जो अभी भी संतुष्ट नहीं हैं, इस लिस्ट में एक और नया नाम जुड़ा है भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के पूर्व अध्यक्ष और अभिनेता गजेंद्र चौहान का |
गजेन्द्र चौहान ने मनोज मुंतशिर पर भी निशाना साधा है। बीआर चोपड़ा के टीवी शो महाभारत में युधिष्ठिर की प्रतिष्ठित भूमिका निभाने वाले गजेंद्र चौहान ने आदिपुरुष को लेकर खूब भड़के हैं। उन्होंने कहा है कि टिकट खरीदने के बावजूद उन्होंने फिल्म नहीं देखी है क्योंकि वह अपने विश्वास से ‘समझौता’ नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म के निर्माता आने वाली पीढ़ियों को भ्रष्ट करना चाहते हैं।
आदिपुरुष महाकाव्य रामायण से प्रेरित है और इसने बॉक्स ऑफिस पर शानदार शुरुआत दर्ज की है। यह फिल्म पिछले हफ्ते शुक्रवार को देशभर में हिंदी, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और तमिल में रिलीज हुई। आदिपुरुष में प्रभास को राघव (राम), कृति सेनन को जानकी (सीता) और सैफ अली खान को लंकेश (रावण) के किरदार में दिखाया गया। हालांकि सोमवार से फिल्म की कमाई में काफी गिरावट दर्ज की गई है।
गजेन्द्र चौहान ने कहा, ”मैंने इस फिल्म को देखने के लिए टिकट बुक किया था, लेकिन किसी कारण से मेरी अंतरात्मा ने मुझे इस फिल्म को थिएटर में जाकर देखना के लिए इनकार कर दिया|दरअसल, ट्रेलर और छोटी क्लिप में सब कुछ देखने के बाद मुझे एहसास हुआ कि यह फिल्म इसके लायक नहीं है। मैं अपनी मान्यताओं से समझौता नहीं करना चाहता। मैं भगवान राम को भगवान श्री राम के रूप में देखना चाहता हूं।”
आखिर में गजेन्द्र चौहान ने फिल्म की आलोचना करते हुए कहा कि फिल्म एक गिरी हुई सोच का नतीजा है और आप जैसा सोचते है वैसा ही लिखते है मनोज मुंतशिर, जो एक गीतकार हैं, को फिल्म के लिए संवाद लिखने का काम दिया गया था। उसने विभिन्न स्रोतों से चीजें कॉपी की हैं और गड़बड़ कर दी है। वह बहुत अहंकारी आदमी है।और राही मासूम रजा साहब की बात करते हुए कहा कि रजा जी ने महाभारत में जो लिखा था, मनोज मुंतशिर उसका एक इंच भी हासिल नहीं कर पाए हैं।”