KNEWS DESK – मलयालम फिल्म इंडस्ट्री इन दिनों बड़े विवादों में घिरी हुई है, और इसकी वजह हेमा कमेटी की रिपोर्ट है| जिसने इंडस्ट्री के कई जाने-माने चेहरों को कटघरे में ला खड़ा किया है। इस रिपोर्ट में महिला कलाकारों के साथ हुए यौन उत्पीड़न और कास्टिंग काउच के मामलों का खुलासा हुआ है, जिसने पूरी इंडस्ट्री को हिला कर रख दिया है। कई दिग्गज सितारों और एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (AMMA) के सदस्यों पर गंभीर आरोप लगे हैं, जिससे इंडस्ट्री में बवाल मच गया है।
रंजीत और सिद्दीकी पर लगे गंभीर आरोप
हेमा कमेटी की रिपोर्ट में जिन नामों का उल्लेख हुआ है, उनमें से रंजीत और सिद्दीकी जैसे दिग्गज फिल्ममेकर शामिल हैं। इन पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगे हैं, जिसके चलते इन्हें AMMA से इस्तीफा देना पड़ा। इन घटनाओं ने पूरे मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में सनसनी फैला दी है, और लोगों के बीच गुस्सा और निराशा का माहौल है।
मोहनलाल के इस्तीफे ने बढ़ाई बहस
मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज अभिनेता और AMMA के अध्यक्ष मोहनलाल भी इस विवाद से अछूते नहीं रहे। लगातार बढ़ती आलोचना और दबाव के बाद उन्होंने एसोसिएशन के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, उनके इस्तीफे ने नई बहस को जन्म दे दिया है।
शांति प्रिया की तीखी प्रतिक्रिया
दिग्गज अभिनेत्री शांति प्रिया ने मोहनलाल के इस्तीफे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। एक बातचीत में उन्होंने कहा कि मोहनलाल के इस्तीफे का कोई मतलब नहीं था। शांति प्रिया का मानना है कि मोहनलाल ने अगर इस्तीफा न देकर अपना पद बरकरार रखा होता, तो वह पीड़ितों का बेहतर तरीके से समर्थन कर सकते थे। उन्होंने कहा, “मोहनलाल को अपने अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं देना चाहिए था। वह वाकई पीड़ितों का समर्थन कर सकते थे, उनका मार्गदर्शन कर सकते थे और वर्तमान पीढ़ी के लिए मौजूद रह सकते थे।”
यौन उत्पीड़न के मुद्दे पर शांति प्रिया का नजरिया
शांति प्रिया ने यौन उत्पीड़न के इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि यह समस्या सिर्फ मलयालम या बॉलीवुड इंडस्ट्री तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हर जगह हो रही है। उन्होंने कहा, “मैं पैन इंडिया एक्ट्रेस हूं और यह चीजें सभी इंडस्ट्री में होती हैं। अभी सिर्फ मलयालम और बॉलीवुड का बाहर आ गया है। दो साल बाद कोई तेलुगु इंडस्ट्री से आ सकता है और ऐसा कुछ कह सकता है। यह कब रुकेगा?”
कड़ी कार्रवाई की मांग
शांति प्रिया ने इस गंभीर समस्या के समाधान की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा, “सभी ने अपनी आवाज उठाई है और अपनी चिंताएं जाहिर की हैं, लेकिन अब सवाल यह उठता है कि कितनी सख्त कार्रवाई की जाएगी और इसमें कितना समय लगेगा जब हमारी आने वाली पीढ़ियों को चिंता करने की जरूरत नहीं होगी।”