NCERT की किताबों में बड़ा बदलाव, हटाए गए मुगल काल, इमरजेंसी और गुजरात दंगे से जुड़े हिस्से

knews desk :  एनसीईआरटी की इतिहास की किताबों में से मुगल साम्राज्य के टॉपिक्स को हटा दिया गया है. एकेडमिक ईयर 2023-24 के लिए नए सिलेबस को भी जारी किया गया है.

नए शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए कक्षा 6 से 12 तक के छात्र इस हफ्ते स्कूल लौटेंगे। हालांकि, इस बार उन्हें 2014 में एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद से सबसे बड़े बदलावों के साथ सामाजिक विज्ञान (Social Science) की नई पाठ्यपुस्तकें मिलेंगी। इन नयी किताबों में 2002 के गुजरात दंगों के सभी संदर्भों को ठीक करने से लेकर, मुगल काल और जाति व्यवस्था से जुड़े सिलेबस में काफी बदलाव किए गए हैं। NCERT की नयी किताबों में विरोध और सामाजिक आंदोलनों पर अध्यायों को भी हटाया गया है।

अपडेटेड सिलेबस में एनसीईआरटी ने ‘थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री-पार्ट 2’ से Kings and Chronicles; the Mughal Courts (C. 16th and 17th centuries) से संबंधित चैप्टर्स और टॉपिक्स को हटा दिया गया है. ठीक इसी तरह से 11वीं क्लास की ‘थीम्स इन वर्ल्ड हिस्ट्री’ किताब से ‘सेंट्रल इस्लामिक लैंड्स’, ‘कंफ्रंटेशन ऑफ कल्चर्स’ और ‘इंडस्ट्रिल रेवेल्यूशन’ से जुड़े चैप्टर्स को हटाया गया है.

पाठ्यपुस्तकों में कुछ प्रमुख परिवर्तन किए गए हैं। मुगल काल और भारत के मुस्लिम शासकों पर सामग्री में कांट-छांट की गयी है। मामलुक, तुगलक, खिलजी और लोदी सहित कई राजवंशों द्वारा शासित दिल्ली सल्तनत और मुगल साम्राज्य पर कई पेजों को कक्षा 7 की इतिहास की पाठ्यपुस्तक से हटा दिया गया है। कक्षा 7 की पाठ्यपुस्तक के अध्याय द मुगल एम्पायर में भी काट-छांट की गई है, जिसमें हुमायूं, शाहजहां, बाबर, अकबर, जहांगीर और औरंगज़ेब जैसे मुग़ल सम्राटों की उपलब्धियों का विवरण देने दो पेज शामिल हैं।

ये परिवर्तन राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद द्वारा किए गए बदलाव का परिणाम हैं जिसके तहत एनसीईआरटी का उद्देश्य पाठ्यक्रम के भार को कम करना था ताकि छात्रों को कोविड के दौरान सीखने में आई असफलताओं से शीघ्र उबरने में मदद मिल सके।

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