प्रधानमंत्री बनने से चूका बरादर, मुल्ला मोहम्मद अखूंद होगा अफगानिस्तान का नया रहबर

तालिबान ने बनाई अफगानिस्तान में सरकार

बीते 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा करने वाले तालिबान ने करीब 25 दिन की उठापटक के बाद, आखिरकार अपनी सरकार गठन का ऐलान कर दिया है। अफगानिस्तान की नई तालिबान सरकार में मुल्ला मोहम्मद हसन अखूंद अब अफगानिस्तान का नया रहबर होगा। मुल्ला मोहम्मद हसन अखूंद को अफगानिस्तान का नया प्रधानमंत्री बनाया गया है, तो वहीं मुल्ला बरादर नंबर दो की हैसियत यानि उपप्रधानमंत्री के पद पर रहेगा। मुल्ला बरादर के साथ ही मुल्ला अबदस सलाम को भी अफगानिस्तान का उपप्रधानमंत्री बनाया गया है। इसके साथ ही सिराजुद्दीन हक्कानी को जहाँ गृहमंत्रालय सौंपा गया है, तो वहीं मुल्ला याकूब को रक्षामंत्री बनाया गया है।

अफगानियों का रहबर बनने से चूक गया मुल्ला बरादर

अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद से ऐसे कयास लगाये जा रहे थे कि मुल्ला बरादर को ही अफगानिस्तान का नया प्रमुख बनाया जायेगा। तमाम मीडिया रिपोर्ट भी बरादर को ही अफगानिस्तान का नया रहबर बता रहे थे लेकिन हक्कानी नेटवर्क के साथ चले रहे मतभेदों व संघर्ष के चलते आखिरकार गनी बरादर अफगानिस्तान में नंबर एक की हैसियत पाने में असफल रहा, और अफगानिस्तान का नया सरपरस्त बन पाने में असफल रहा।

मुल्ला उमर का दामाद है मुल्ला बरादर

मुल्ला बरादर को अफगानिस्तान में करीब 8 साल तक सरकार चला चुके मुल्ला उमर का दामाद बताया जाता है। मुल्ला उमर अफगानिस्तान में तालिबान के संस्थापक सद्स्यों में से एक था। तालिबान की स्थापना में मुल्ला बरादर का रोल भी काफी अहम बताया जाता है, लेकिन तमाम कयासों के बीच उसका अफगानी प्रधानमंत्री न बन पाना अन्तराष्ट्रीय मीडिया के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। अन्तराष्ट्रीय सूत्रों के मुताबिक हक्कानी नेटवर्क व अन्य आतंकी संगठनों के साथ एकराय न हो पाना भी है।

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