KNEWS DESK… मणिपुर में चल रही हिंसा के लगभग 2 महीने होने जा रहे हैं लेकिन अभी थमने का नाम नहीं ले रही है। बृहस्पतिवार को मणिपुर के कंगपोकपी जिले के हरओठेल गांव में सुबह के समय कुछ अज्ञात हथियारबंद लोगों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जिसको देखते हुए सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की। जिसके बाद गोलीबारी थम गई।
दरअसल आपको बता दें कि हरओठेल गांव मे सुबह लगभग 5:45 पर कुछ अज्ञात हथियारबंद लोगों ने अचानक बिना किसी बात के गोलीबारी शुरू कर दी। जिसको देखते हुए असम राइफल्स के जवानों ने उन उपद्रवियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए गोलीबारी पर काबू पाया। जानकारी के लिए बता दें कि मणिपुर में मेइती एवं कुकी के बीच 3 मई से शुरू हुई जातीय हिंसा का दौर लगातार जारी है। इस हिंसा में 145 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। हजारों की संख्या में लोग घायल हो चुके है। पर ये आरक्षण संबंधी जातीय हिंसा रूकने का नाम ही नहीं ले रहा है। हालांकि केंद्र एवं राज्य सरकार लगातार इसे खत्म करने का अथक प्रयास कर रही है। लेकिन सफलता अभी तक नहीं मिल पाई है। इस हिंसा को समाप्त करने के लिए देश के सभी दलों ने मिलकर पिछले दिनों दिल्ली में एक बैठक भी की थी। जिसमें सभी ने मिलकर इस हिंसा को जल्द से जल्द समाप्त करने की बात कही थी।
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बता दें कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद शुरू हुई हिंसा की झड़पें लगातार चल रही है। मणिपुर में मेइती समुदाय कुल आबादी का 53 प्रतिशत है। जो मुख्य तौर पर इंफाल की घाटी में रहती है। वहीं दूसरी तरफ नागा एवं कुकी समुदाय कुल आबादी का 40 प्रतिशत है। ये जनजाति भी मुख्य रूप से पर्वतीय जिलों में ही रहना पसंद करती है।
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