महिला की सुरक्षा की चाहें जितने वादें कर लें यूपी सरकार कहीं न कहीं,मगर कुछ घटनाओं को सुनकर ऐसा लगता हैं कि अपराध करनें वालें अपराधी किसी से नहीं डरते,कुछ दिनों पहले ही नाबालिग युवती से गांव के कुछ युवकों ने गैंगरेप कर घटना को अंजाम दिया था.
उन्नाव: 12 साल की नाबालिग की गैंगरेप पीड़िता के घर पर कथित तौर पर कुछ अज्ञात लोगों ने उसके घर को आग के हवालें कर दिया.घर में मौजूद दुष्कर्म पीड़िता का चार माह का बच्चा और उसकी तीन महीने की बहन गंभीर रूप से झुलस गई.जिनका जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है.
उन्नाव के मौरावां थाना क्षेत्र के एक गांव में बीते सोमवार 17 अप्रैल को नाबालिग गैंगरेप पीड़िता का 4माह का शिशु बुरी तरह से झुलस गया.वहीं पीड़िता की मां का आरोप है कि रेप के आरोपियों ने अपने साथियों के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया.कुल 6,7 लोगों ने पीड़िता के घर में घुसकर उसके व उसकी बेटी के साथ मारपीट कर छप्पर वालें घर को आग के हवाले कर दिया.
वहीं गांव के पड़ोस में रहने वाले लोगों ने दमकल विभाग को फोन करके सूचना दी.वहीं सूचना पाते ही मौकें पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने ग्रामीणों की मदद से आग पर काबू पाया। झुलसे दोनों बच्चों को स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल रेफर किया गया है.वहीं आग में झुलसने के बाद शिशु 50 प्रतिशत तक जल गया.
वहीं मामले पर सीओ का कहना हैं कि आगजनी और मारपीट को की गई है मगर यह मामला परिवारिक विवाद का भी हो सकता है.इस पर जांच चल रही है.रेप के आरोपियों के बारें में जब पूछा गया तो सीओ कहते है कि एक आरोपी जेल में है,एक बाहर व एक गांव में है,उसे पकड़कर पूछताछ की जा रही है.शिशु का अच्छा से इलाज चल रहा है.वहीं पिछले हफ्ते पहले ही पीड़िता के पिता जब किसी काम से वापस घर आ रहे थे तो कुछ लोगों ने उनपर जानलेवा हमला कर दिया था.जिससे वह काफी घायल हो गए थे.उनका भी इलाज इसी जिला अस्पताल में चल रहा है.
वहीं पीड़िता के वकील का कहना हैं कि पुलिस की तरफ से जो कार्रवाई की जा रही है वो तो सिर्फ खानापूर्ति करने का काम कर रही है.वहीं उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले के बाद पुलिस ने केवल मामूली धाराओं 147,325,436 के तहत कार्यवाही कर रही है.लेकिन उनपर यह अटैक कैसे हुआ? इसको देखते हुए धाराएं को बढ़नी चाहिए थीं.यह मामूली विवाद नहीं बल्कि हत्या का प्रयास लग रहा.वहीं साबूतों को मिटाने के लिए पीड़िता का फोन को भी आग में फेंक दिया गया.
वहीं पीड़िता के वकील का कहना हैं कि बीते 13 फरवरी 2022 की घटना पर मामला दर्ज हुआ.फिर जांच में मालूम चला कि नाबालिग 6हफ्ते,दो दिन की गर्भवती है.पुलिस ने यह बात पीड़िता के परिवार वालों को नहीं बताया.अगर बता देते तो बच्ची का टर्मिनेशन कर वाया जा सकता.या नाबालिग पीड़िता को प्रेग्नेंसी में लगने वाले टीके ही लग जाते.लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.
वहीं वकील का कहना हैं कि पुलिस शुरुआत से लेकर पीड़िता के घरवालों को गुमराह करती रही.यह मामला मेरे पास चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के जरिए मामला मेरे पास आया.उस वक्त तक पीड़िता के पेट में दर्द और सूजन बढ़ चुकी थी.तब तक मामले को 7महीने बीत चुके थे और वह 7महीने की गर्भवती हो चुकी थी सामने कोई रास्ता न देख हमने न्यायालय का रुख किया बड़े अस्पताल में इलाज के लिए अर्जी लगाई.
वहीं यह भी बताया कि तीन आरोपियों में से दो जेल में बंद थे,उनमें से एक को जमानत मिल गई थी वो इस समय बाहर है.वहीं पुलिस का कहना था कि आरोपी ने दुष्कर्म नही किया,सिर्फ युवती को बहलाया था.एक आरोपी नाबालिग था. वहीं युवती का कहना था कि वो उसको नहीं जानती,जिसकी वजह से उसके खिलाफ केस खत्म कर दिया गया,लेकिन एक आरोपी अभी भी जेल में है.
वहीं पीड़िता के वकील का कहना हैं कि युवती शुरुआत से लेकर अब तक बयान में कहती रही कि उसके साथ दुष्कर्म 5 लोगों ने दो बार किया है और वो सभी को जानती है,लेकिन पुलिस ने 3 लोगों को रिपोर्ट में क्यों दर्ज किया,औऱ एक नाबालिग युवक को क्यों इसमें जोड़ा.इस पर कोई भी उत्तर नहीं मिल सका.वहीं हम आगे की तैयारी में है.आरोपियों को सजा दिला कर रहेगें.