शेफाली वर्मा ने पूरा किया पिता से किया वादा, वर्ल्ड कप फाइनल में खेली करियर की सबसे यादगार पारी

KNEWS DESK- टीम इंडिया की युवा ओपनर शेफाली वर्मा ने आखिरकार वो कर दिखाया जिसका इंतजार पूरे देश को था। नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए आईसीसी विमेंस वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में शेफाली ने अपने पिता से किया वादा निभाते हुए धमाकेदार अर्धशतक जड़ा और भारत की जीत की नींव रखी।

सिर्फ 21 साल की उम्र में शेफाली ने ऐसी पारी खेली जिसने उन्हें क्रिकेट इतिहास में अमर कर दिया। सेमीफाइनल में नाकामी के बाद उन पर दबाव था, लेकिन उन्होंने फाइनल में जबरदस्त वापसी करते हुए 87 रनों की आतिशी पारी खेली।

वर्ल्ड कप स्क्वॉड में शुरू में जगह न मिलने के बाद शेफाली को अचानक मौका तब मिला जब प्रतिका रावल चोटिल होकर टूर्नामेंट से बाहर हुईं। सेमीफाइनल में शेफाली सिर्फ 10 रन बनाकर आउट हो गईं और आलोचकों के निशाने पर आ गईं। लेकिन सच्चे चैंपियन की तरह उन्होंने फाइनल में पूरी तरह बदला लिया।

बारिश के कारण मैच दो घंटे देरी से शुरू हुआ था, जिससे बल्लेबाजी मुश्किल मानी जा रही थी। लेकिन शेफाली ने शुरुआत से ही अटैकिंग मूड में खेलते हुए सिर्फ 49 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया।

शेफाली के लिए यह अर्धशतक सिर्फ एक आंकड़ा नहीं था, बल्कि तीन साल के संघर्ष का परिणाम था। उन्होंने वनडे क्रिकेट में पिछला अर्धशतक जुलाई 2022 में जमाया था। तब से अब तक वह कई बार 40 के पार पहुंचीं लेकिन बड़ी पारी नहीं खेल पाईं। फाइनल में 78 गेंदों पर 87 रनों की यह पारी उनके करियर की पांचवीं और सबसे अहम अर्धशतक पारी साबित हुई।

उनकी पारी में 7 चौके और 2 छक्के शामिल थे, और हर शॉट में आत्मविश्वास और क्लास झलक रही थी। सेमीफाइनल की असफलता के बाद शेफाली ने अपने पिता को फोन पर कहा था “पापा, फाइनल में मैं टीम के लिए कुछ बड़ा करूंगी।”

और उन्होंने अपना वादा पूरा किया। 28वें ओवर में जब वो अयाबोंगा खाका की गेंद पर बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में 87 रन पर आउट हुईं, तब पूरा स्टेडियम खड़ा होकर उनका अभिवादन कर रहा था। भले ही शतक से 13 रन दूर रहीं, लेकिन उनकी यह पारी भारत को विश्व चैंपियन बनाने की दिशा में निर्णायक साबित हुई।