कानपुर- भारतीय क्रिकेटर हनुमा विहारी के जुझारूपन से तो हर कोई वाकिफ है। मध्य प्रदेश और आंध्र के बीच रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल मैच में कलाई टूटने के बाद भी हनुमा विहारी बल्लेबाजी करने के लिए मैदान पर उतरे। दाएं हाथ से बल्लेबाजी करने में असमर्थ थे तो बाएं हाथ से बल्लेबाजी की और दोनों पारियों में खेले। उन्होंने अपने जज्बे से हर किसी को अपना कायल बना लिया है। हालांकि, यह पहला अवसर नहीं था जब हनुमा विहारी ने इस तरह का जुझारूपन दिखाया हैं |
आपको 2020-21 में ऑस्टेलिया के साथ खेली गई बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दौरान सिडनी टेस्ट में विहारी नें रविचंद्रन अश्विन के साथ दर्द में खेलकर मैच बचाया था। रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल मैच में हनुमा विहारी की टीम आंध्र को हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि आंध्र हो या भारत वह जीतने के लिए खेलते हैं। अगर जरूरत पड़ी तो वह एक टांग पर भी खेल सकते हैं। जब वह मैदान पर उतरते हैं तो उनका एकमात्र लक्ष्य यह होता है कि वह टीम के लिए क्या योगदान दे सकते हैं।
हनुमा विहारी ने बताया कि, “जब हमारा स्कोर दो विकेट पर 262 रन था तो हमारे फिजियो दीप तोमर ने मुझे अपने कमरे में बुलाया। उन्होंने मुझसे कहा कि मैं तुम्हें बल्लेबाजी करने की सलाह नहीं दूंगा क्योंकि अगर तुम्हें फिर से गेंद लगी तो तुम्हें सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।” मैंने कहा, “हम अच्छी स्थिति में हैं, इसलिए मुझे नहीं लगता कि मुझे बल्लेबाजी करने की आवश्यकता होगी, लेकिन अगले दिन हमारा स्कोर 324/4 हो गया और फिर 350 पर 7 या 8 विकेट हो गया था। इसके बाद मैंने अपने बाएं हाथ से बल्ले को ग्रिप करने की कोशिश की और मैं ऐसा नहीं कर सका।
हनुमा विहारी ने आगे बताया, “मैंने अपने दूसरे हाथ को देखा और फिर मैंने सोचा कि क्यों न बाएं हाथ से बल्लेबाजी करने की कोशिश की जाए। मेरे दिमाग में बस एक विचार आया। तब मैंने कोच से कहा कि मैं बाएं हाथ से बल्लेबाजी करने की कोशिश करना चाहता हूं। कोच ने कहा जैसा भी आपको ठीक लगे। मेरी टीम के साथियों ने मुझे पैड, चेस्ट पैड और आर्म गार्ड पहनने में मदद की । मैंने ड्रेसिंग रूम में ही खेलने की कोशिश की। मैंने कुछ गेंदें बाएं हाथ से खेलीं। फिर सोचा कि टीम के लिए कुछ रन बनाने की कोशिश करनी चाहिए।
हनुमा विहारी से सवाल किया गया कि क्या उन्होंने पहले भी कभी बाएं हाथ से बल्लेबाजी की है?
इसे लेकर उन्होंने कहा, “मैंने तब भी बाएं हाथ से बल्लेबाजी भी नहीं की जब टेनिस बॉल क्रिकेट खेलता था या जब मैं छोटा था और गली में खेलता था। मैंने कभी नहीं सोचा था कि प्रथम श्रेणी मैच में – वह भी क्वार्टर फाइनल में बाएं हाथ से बल्लेबाजी करूंगा।