KNEWS DESK- वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश की गईं नई टैक्स स्लैब्स के चलते पुरानी टैक्स स्लैब्स को छोड़कर नई टैक्स स्लैब्स को अपनाने वाले लोगों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। आने वाले दिनों में नई टैक्स स्लैब्स अपनाने वालों का ग्राफ और ऊपर जाने के कयास लगाये जा रहे हैं। नये टैक्स स्लैब्स को चुनने के पीछे न्यूनतम छूट और लिब्रलाइजेशन है। यही कारण है कि ज्यादातर टैक्सपेयर्स नई कर व्यवस्था को चुनना पसंद कर रहे हैं।
अगर आपने भी नए फाइनेंशियल ईयर में नई कर व्यवस्था को चुनने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको 31 मार्च 2025 से पहले टैक्स-सेवर इंवेस्टमेंट की प्लानिंग बहुत ध्यान से कर लेनी चाहिए। दरअसल, मौजूदा समय में केवल ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत ही करदाताओं को टैक्स-सेवर बेनिफिट्स मिलते हैं।
बच्चों की फीस पर उठा सकते हैं टैक्स छूट का लाभ- आप इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक के टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं। इसमें आप लाइफ इश्योरेंस पॉलिसी और दो बच्चों तक के लिए स्कूल फीस या ट्यूशन फीस पर भी टैक्स में छूट का दावा कर बचत कर सकते हैं।
मान लीजिए आपके दो बच्चे हैं और उनके स्कूल की फीस या ट्यूशन फीस के लिए आपको 80 हजार रुपये का सालाना भुगतान करना पड़ रहा है तो आप इसके लिए इस सेक्शन के तहत टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं. ऐसे में आपको किसी भी प्रकार नए निवेश से पहले इस पर ध्यान देना चाहिए।
पुरानी टैक्स व्यवस्था से मिलेगा ये लाभ- अगर आपने मौजूदा वित्तीय साल के लिए ओल्ड टैक्स रिजीम को चुना है और आप अधिकतम टैक्स बेनिफिट्स चाहते हैं तो आपको टैक्स-सेवर इंवेस्टमेंट के लिए हमेशा विकल्पों की तलाश करना चाहिए. क्योंकि आप धारा 80 सी के तहत कटौती का दावा कर सकते हैं.