ICRA ने बैंकिंग सेक्टर के लिए अपने आउटलुक में किया बदलाव, कहा- वित्त वर्ष 2025 में पड़ेगा मुनाफे और लोन पर असर

KNEWS DESK- डोमेस्टिक रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने क्रेडिट ग्रोथ और प्रॉफिटेबिलिटी में नरमी की उम्मीदों पर बैंकिंग सेक्टर के लिए अपने आउटलुक को सकारात्मक से स्थिर कैटेगरी में डाल दिया है।

ICRA ने कहा कि एक साल पहले के मुकाबले वित्त वर्ष 2025 में ग्रोथ 16.3 फीसदी से कम होकर 11.7 से 12.5 फीसदी रहने की संभावना है। उसके मुताबिक पिछले 18 महीनों में बैंकिंग सेक्टर के ब्याज मार्जिन में कमी बढ़ती जमा लागत की वजह से है और वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में दरों में कटौती की उम्मीद से मार्जिन पर दबाव पड़ सकता है।

आईसीआरए के वाइस प्रेसीडेंट सचिन सचदेवा के मुताबिक एसेट क्वालिटी फ्रंट पर उसे मार्च 2025 तक बैंकिंग सिस्टम के लिए ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स रेशियो में 2.2 प्रतिशत की कमी आने की उम्मीद है। मार्च 2024 में इसके तीन प्रतिशत होने की संभावना है। सचदेवा ने कहा कि सितंबर 2011 के बाद ये सबसे निचला स्तर होगा।

एजेंसी ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 में नॉन बैंक फाइनेंस कंपनियों को अनसिक्योर्ड रिटेल एडवांसेस और लोन धीमा हो जाएगा, जिससे सिस्टम में ओवरऑल नॉन-फूड क्रेडिट में गिरावट आएगी।

बता दें कि 22 मार्च, 2024 तक HDFC और HDFC Bank के विलय को छोड़कर बैंकों के लिए कर्ज जमा अनुपात (सीडी अनुपात) बढ़कर 78 फीसदी होने का अनुमान है। ये अनुपात 21 दिसंबर, 2018 के 77.9 फीसदी से ज्यादा है और पिछले साल 24 मार्च के 75.7 फीसदी से अधिक है।

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