KNEWS DESK- जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बुधवार यानी आज वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा की मांग को लेकर जमकर हंगामा हुआ। तीसरे दिन की कार्यवाही में इस मुद्दे पर तीखी नोकझोंक देखने को मिली, खासकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक मेहराज मलिक के बीच। इस दौरान मलिक ने पीडीपी पर गद्दारी करने का आरोप भी लगाया, जिसके बाद विधानसभा में शोर-शराबा और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को तीन घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया।
विधानसभा में हंगामा तब शुरू हुआ जब अध्यक्ष अब्दुल रहीम लाथर ने वक्फ अधिनियम पर सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस और उसके गठबंधन सहयोगियों द्वारा पेश किए गए स्थगन प्रस्ताव को एक बार फिर अस्वीकार कर दिया। इसके बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के सदस्य वक्फ अधिनियम पर चर्चा की मांग को लेकर सदन के वेल में आ गए। इस पर विपक्षी बीजेपी के विधायक भी विरोध में खड़े हो गए, और दोनों पक्षों की ओर से जोरदार नारेबाजी शुरू हो गई।
‘तुमने बीजेपी के साथ मिलकर गद्दारी की है’
बीजेपी और आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक मेहराज मलिक के बीच तीखी नोकझोंक हुई। आप विधायक मलिक ने पीडीपी के नेता वहीद पारा पर हमला करते हुए कहा, “तुमने बीजेपी के साथ मिलकर गद्दारी की है।” इस आरोप का जवाब देते हुए बीजेपी विधायक विक्रम रंधावा ने कहा, “आप विधायक ने हिंदुओं को गाली दी है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा है कि हिंदू तिलक लगाने का पाप करते हैं, हम उन्हें जवाब देंगे।”
हंगामे के दौरान विपक्षी नेता सुनील शर्मा ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है। शर्मा ने कहा, “हमने दिहाड़ी मजदूरों को नियमित करने और बेरोजगारी के मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी, लेकिन सरकार इन महत्वपूर्ण मुद्दों से बच रही है।” उनका कहना था कि लगातार तीसरे दिन विधानसभा में इस प्रकार की अराजकता देखने को मिल रही है, और जनता ने अब नेशनल कॉन्फ्रेंस का असली चेहरा देख लिया है।
विधानसभा में अराजकता की स्थिति बनी रही, जिससे कई विधायकों ने धरना प्रदर्शन भी किया। यह स्थिति उस समय उत्पन्न हुई जब सरकार ने विपक्षी दलों की प्रमुख मांगों पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। इस घटना ने राज्य में विधानसभा की कार्यवाही को और अधिक विवादित बना दिया, और नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी रहा।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा के दौरान हुए हंगामे और तीखी नोकझोंक ने राज्य की राजनीतिक स्थिति को और जटिल बना दिया है। विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार जनता के महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान भटका रही है, जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन ने अपनी ओर से इस पूरे घटनाक्रम को सही ठहराने की कोशिश की। यह देखा जाना बाकी है कि 15 अप्रैल को होने वाली अगली बैठक में क्या निर्णय लिया जाता है, और क्या विधानसभा में शांति और ठहराव की स्थिति बन पाती है।
ये भी पढ़ें- रोहित शर्मा के नाम पर होगा वानखेड़े स्टेडियम का स्टैंड! MCA जल्द करेगी फैसला