KNEWS DESK- उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के बीच पिछले कई सालों से चली आ रहा परिसंपत्ति विवाद जल्द सुलझ सकता है। ये उम्मीद इसलिए बढ़ गई है क्योंकि राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मसले पर लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने सीएम योगी आदित्यनाथ से हरिद्वार में सिंचाई के लिए गंगनहर से 665 क्यूसेक पानी जल्द देने की पैरवी की है। उन्होंने योगी को बदरी-विशाल की प्रतिमा और स्थानीय उत्पाद भी भेंट किए है। इस दौरान दोनों मुख्यमंत्रियों ने परिसंपत्तियों के लंबित मामलों को जल्द हल करने की पहल भी की है। आपको बता दें कि सीएम धामी लखनऊ पहुंचे और योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के दौरान दोनों राज्यों के बीच बंटवारे में रह गई संपत्तियों को लेकर मंत्रणा की। धामी ने कहा कि हरिद्वार के तीन विकासखंडों के 74 गांवों की 18,280 हेक्टेयर असिंचित भूमि में सिंचाई सुविधा नहीं है। राज्य सरकार ने इकबालपुर, कनखल और जगजीतपुर नहर की क्षमता के विस्तार का निर्णय लिया है। जिस वजह से गंगनहर से 665 क्यूसेक पानी उत्तराखंड को दिया जाना जरूरी है। इसके साथ ही कई अन्य मसलों को सुलझाने की अपील सीएम धामी ने की है। सीएम धामी की इस पहल के बाद सत्ताधारी दल बीजेपी का मानना है कि जल्द ही परिसंपत्ति विवाद का मसला सुलझ जाएगा। वहीं विपक्ष ने अबतक डबल इंजन की सरकार में भी इस मसले के ना सुलझने पर सरकार को घेरा है। सवाल ये है कि क्या धामी की मुलाकात से परिसंपत्ति विवाद सुलझ जाएगा?
लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में परिसंपत्ति विवाद का मसला एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है दअरसल राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मसले पर लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने सीएम योगी आदित्यनाथ से हरिद्वार में सिंचाई के लिए गंगनहर से 665 क्यूसेक पानी जल्द देने की पैरवी की है। इसके साथ ही सीएम धामी ने टिहरी बांध से मिलने वाले 4879 क्यूसेक अतिरिक्त पानी में से 665 क्यूसेक जल की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह न्यूनतम एवं औचित्यपूर्ण है, जो टिहरी बांध से उपलब्ध होने वाले अतिरिक्त पानी का 13.5 फीसदी मात्र है। धामी ने कहा कि यूपी की प्रस्तावित उपयोगिता 4000 क्यूसेक पानी के पश्चात अवशेष उपलब्ध पानी से भी कम है, जिस पर सहमति यूपी शासन स्तर पर लंबित है। उन्होंने योगी से 665 क्यूसेक पानी की आपूर्ति उत्तरी गंग नहर से किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी देने का आग्रह किया है….वहीं भाजपा को पूरी उम्मीद है कि जल्द ही परिसंपत्ति विवाद का मसला सुलझ जाएगा।
आपको बता दें कि धामी सरकार हरिद्वार के तीन विकासखंडों के 74 गांवों की 18,280 हेक्टेयर असिंचित भूमि में सिंचाई सुविधा को उपलब्ध कराने की योजना में लगी हुई है। इसके लिए राज्य सरकार ने इकबालपुर, कनखल और जगजीतपुर नहर की क्षमता के विस्तार का निर्णय लिया है। जिस वजह से गंग नहर से 665 क्यूसेक पानी उत्तराखंड को दिए जाने का अनुरोध सीएम धामी ने योगी से किया है। वहीं कुछ दिन पहले ही सीएम धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सीएम धामी सड़कों के गड्ढे को लेकर अधिकारियों से नाराज हुए थे। अधिकारी यूपी की सीमा का बहाना बनाकर सड़क का निर्माण नहीं कर रहे थे जिसके बाद सीएम को सख्त लहजे में चेतावनी देनी पड़ी थी।वहीं डबल इंजन की सरकार में भी अब तक परिसंपत्ति विवाद का मसला ना सुलझने पर विपक्ष ने सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है।
कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव से पहले राज्य की परिसंपत्तियों का मामला एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है। सीएम धामी की पहल से परिसंपत्ति विवाद के सुलझने की उम्मीद बढ़ गई है। सवाल ये है कि क्या सालों से चला आ रहा परिसंपत्ति विवाद अब सुलझ जाएगा। वहीं सवाल तो ये भी है कि जिन परिसम्पत्तियों का उत्तराखण्ड राज्य को हस्तान्तरण पर सहमति बन गई है, आखिर उनके हस्तान्तरण के लिए अब तक शासनादेश क्यों नहीं किया गया है। अब यह देखना यह जरूरी है कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की इस महत्वपूर्ण बैठक से अनसुलझे विवादों का हल कितनी जल्दी होगा और कब तक उत्तराखण्ड के लोगों को इसका लाभ मिल पाएगा?
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