KNEWS DESK- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने आज कहा कि केंद्र और राज्यों को मिलकर काम करने की ज़रूरत है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परिवार नियोजन के विकल्पों में महिलाओं की भी भागीदारी हो और उन पर अनचाहे गर्भधारण का बोझ न पड़े|
विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर एक वर्चुअल कार्यक्रम में मां और बच्चे की भलाई के लिए गर्भधारण का स्वस्थ समय और अंतराल पर चर्चा का नेतृत्व करते हुए जे पी नड्डा ने कहा कि हमें उन राज्यों में कम टीएफआर (कुल प्रजनन दर) बनाए रखने की दिशा में काम करने की ज़रूरत है, जिन्होंने इसे पहले ही हासिल कर लिया है और अन्य राज्यों में इसे हासिल करने की दिशा में काम करना चाहिए|
उन्होंने कहा, आधुनिक गर्भनिरोधकों की उपलब्धता बहुत है और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि गर्भनिरोधकों की अधूरी ज़रूरतें पूरी हों, खास तौर पर ज़्यादा बोझ वाले राज्यों, जिलों और ब्लॉकों में| नड्डा ने परिवार नियोजन और जनसंख्या नियंत्रण पर नई सूचना शिक्षा संचार (आईईसी) सामग्री का एक सेट भी जारी किया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, केंद्र और राज्यों को सामूहिक रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए काम करने की ज़रूरत है कि महिलाएं परिवार नियोजन के विकल्प तय करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल कर सकें और उन पर अनचाहे गर्भधारण का बोझ न पड़े|
उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय और विभाग के अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं की प्रतिबद्धता और समर्पण की भी सराहना की और कहा कि परिवार नियोजन और जनसंख्या नियंत्रण में उपलब्धियां उनके बिना संभव नहीं थीं|