अमेठी से क्यों हारीं स्मृति ईरानी? स्थानीय लोगों ने बताई ये वजह…

KNEWS DESK- कांग्रेस के अमेठी लोकसभा उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा ने मौजूदा भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को डेढ़ लाख से अधिक मतों के अंतर से हराकर बड़ी जीत हासिल की है।

दिलचस्प बात यह है कि पिछले आम चुनावों में राहुल गांधी को हराने के बाद 2019 में ईरानी को एक बड़ी जीत का दावेदार कहा गया था। फिलहाल इस बार गांधी परिवार के वफादार किशोरी लाल शर्मा ने अपनी जीत का श्रेय गांधी परिवार और अमेठी के लोगों से मिले समर्थन को दिया। कुछ स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि स्मृति ईरानी ने अपने कार्यकाल के दौरान निर्वाचन क्षेत्र के लिए कोई काम नहीं किया, जिसके कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

कुछ मतदाताओं ने कहा कि कांग्रेस इसलिए जीती क्योंकि लोग युवाओं में उच्च मुद्रास्फीति और बेरोजगारी से नाखुश थे और यूपी में समाजवादी पार्टी के साथ पार्टी के गठबंधन ने भी कांग्रेस को फायदा पहुंचाया। अमेठी के मशहूर चाय की दुकान के मालिक किट्टू ने कहा कि स्मृति ईरानी का 1.5 लाख से अधिक वोटों से हारना आश्चर्यजनक था, क्योंकि ज्यादातर लोगों को उम्मीद थी कि वह हारेंगी, लेकिन कम अंतर से। अमेठी कांग्रेस और खासकर गांधी परिवार का गढ़ रहा है। राहुल गांधी ने पहली बार 2004 में अमेठी से जीत हासिल की थी, और उसके बाद 2009 और 2014 में दो बार फिर से जीत हासिल की। इससे पहले उनकी मां सोनिया गांधी ने 1999 में अमेठी से जीत हासिल की थी। राहुल के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने अमेठी से लगातार चार चुनाव जीते थे, जबकि राहुल के चाचा स्वर्गीय संजय गांधी ने 1980 में यहां से जीत हासिल की थी।

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