रिपोर्ट – अमित नामदेव
हमीरपुर – पुलिस हिरासत में माफिया अतीक और अशरफ पर हुई ताबड़तोड़ फायरिंग में दोनों की मौके पर मौत हो गई। घटनास्थल पर ही तीन शूटर गिरफ्तार किए गए,जिसमें एक शूटर सनी सिंह (25) हमीरपुर जिले के कुरारा कस्बे का रहना वाला है। ये अपने दो भाइयों में सबसे छोटा बताया जा रहा है। पड़ोस के लोगों ने बताया कि ये बचपन से ही आवारा किस्म का रहा है। मुहल्ले में लोगों से अक्सर झगड़ा करता था। इसका एक भाई पिंटू सिंह कुरारा कस्बे के मनकी तिराहे के पास सड़क किनारे दुकान किए है। वही प्रयागराज में कुख्यात माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या में शामिल शूटर सनि सिंह उर्फ पुराने की पारिवारिक पृष्ठभूमि बड़ी ही दयनीय रही है आरोपी सनि के पिता घर का खर्च चलाने के लिए एक सरपंच का ट्रैक्टर भी चलाते थे।
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गरीबी में पला सनी
गौरतलब है कि प्रयागराज में शनिवार की देर रात पुलिस हिरासत में अतीक और अशरफ पर हुई ताबड़तोड़ फायरिंग में दोनों की मौके पर मौत हो गई थी। घटनास्थल पर ही तीन शूटर गिरफ्तार किए गए थे, जिसमें एक शूटर शनि सिंह उर्फ पुराने (25) हमीरपुर जिले के कुरारा कस्बे का रहना वाला है। ये अपने दो भाइयों में सबसे छोटा बताया जा रहा है। पड़ोस के लोगों ने बताया कि ये बचपन से ही आवारा किस्म का रहा है। मुहल्ले में लोगों से अक्सर झगड़ा करता था। इसका एक भाई पिंटू सिंह कुरारा कस्बे के मनकी तिराहे के पास सड़क किनारे दुकान किए है। वही ये चाय और समोसा बेचता है। बताते हैं कि शूटर की मां गरीबी के कारण शादी समारोह में पूड़ी बेलने का काम करती थी। वहीं पिंटू सिंह घर परिवार चलाने के लिए चाय की दुकान किए है। शनि का घर पीएम आवास योजना में बना है। पूरा परिवार भूमिहीन है। शनि सिंह ने पहली बार वर्ष 2016 में कुरारा क्षेत्र में ट्रक लूटने की घटना को अंजाम दिया था। आपराधिक इतिहास पर गौर करें तो इसने वर्ष 2016 में पांच आपराधिक घटनाएं की थी। कुरारा थाना पुलिस ने इसके खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट की कार्रवाई भी की थी।
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पिता चलाते थे सरपंच का ट्रैक्टर,
कुरारा कस्बे के रामलीला मैदान मुहाल निवासी सनि सिंह उर्फ पुराने का पिता जगत सिंह बहुत गरीब था। जगत सिंह के पास 3 बीघा जमीन थी। इसके दो और भाई कल्लू सिंह व राम सिंह है। जिन्हें भी बंटवारे में तीन-तीन बीघा जमीन मिली थी। जगत सिंह की बहन अनंती सिंह को भी इतनी ही जमीन मिली थी। अनंती सिंह कुरारा सीएचसी में नौकरी करती थी। जगत सिंह के हाथ से जमीन भी निकल गई थी। उसने सरपंच के यहां नौकरी की थी। ये उनका ट्रैक्टर चलाकर अपना भरण पोषण करता था। जगत सिंह की मौत के बाद पत्नी कृष्णा देवी अपने मायके सिकौहुला बांदा चली गई थीं। ये अब सुमेरपुर क्षेत्र के टेढ़ा गांव में अपने रिश्तेदार के यहां रहती हैं।
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शूटर सनि सिंह के भाई पिंटू सिंह ने बताया कि ये छह साल पहले ही घर से भाग गया था। तब से इसका आना जाना बंद है। बताया कि बड़े भाई मंगल सिंह की मौत के बाद मां एक बार यहां घर आई थी फिर अगले दिन वह वापस चली गई थी। तब से मां भी यहां नहीं आती है। बताते हैं कि सनि सिंह कई साल पहले कामतानाथ के दर्शन करने चित्रकूट गया था, जहां साथी बाबू यादव से उसका विवाद हो गया था। विवाद के बाद सनि सिंह ने वापस आने के बाद कुरारा क्षेत्र में बाबू यादव पर फायरिंग की थी। कुरारा थाने के प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि सनि सिंह ने वर्ष 2016 में लूट की घटना की थी। फिर इसने साल भर में पांच आपराधिक घटनाएं कीं। इसके खिलाफ थाने में 14 मामले दर्ज हैं। जिसमें आम्र्स एक्ट, नारकोटिक्स और जानलेवा हमले के मामले दर्ज हैं। बताया कि इसके खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट और गुंडा एक्ट की भी कार्रवाई की गई थी। ये थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है।
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सनि सिंह माफिया सुंदर भाटी के नेटवर्क में आने के बाद बना शूटर
बताते है कि आपराधिक घटनाओं में शामिल शनि सिंह हमीरपुर की जेल में काफी समय तक बंद रहा है। उस समय यहां जेल में माफिया सुंदर भाटी भी जेल में बंद था। पुलिस भी मानती है कि जेल में ही शनि सिंह सुंदर भाटी के सम्पर्क में आ गया था। जेल से बाहर आने के बाद इसने वर्ष 2017 में दो मामले, वर्ष 2018 में पुलिस ने गुंडा एक्ट की कार्रवाई की थी। वर्ष 2019 में शनि सिंह के खिलाफ छह मामले थाने में दर्ज हुए थे। नारकोटिक्स में इसके खिलाफ कार्रवाई भी की गई थी। पड़ोसियों का कहना है कि तीन साल पहले ये गुपचुप तरीके से मोटरसाइकिल से दो साथियों के साथ कुरारा आया था। ये अपराध करने के बाद सिम भी बदल लेता था
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