हिंदी बनाम मराठी पर भड़के केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले, कहा- मुंबई में भाषा के नाम पर चल रही है दादागिरी

डिजिटल डेस्क- इन दिनों हिंदी बनाम मराठी युद्ध छिड़ा हुआ है। हाल में सोशल मीडिया में कुछ ऐसे वीडियो वायरल हुए हैं, जिनमें मराठी न आने के चलते मुंबई के लोगों द्वारा हिंदी भाषी क्षेत्रों के लोगों को मारा-पीटा जा रहा है। मुंबई के लोगों के इस कृत्य से हिंदी भाषी समाज में खासा उबाल है। हिंदी बनाम मराठी मामले में केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भड़के अंदाज में कहा कि मुंबई के लोग भाषा के नाम पर दादागिरी कर रहे हैं, जो कि औचित्यहीन है। आपको बताते चलें कि महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में एक नया निर्देश जारी किया था, जिसके तहत राज्य के मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पहली से पांचवीं क्लास तक हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में शामिल किया जाएगा। हालांकि विरोध के बाद सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा।

क्या बोले रामदास अठावले

केद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि इन दिनों मुंबई में भाषा के नाम पर दादागीरी देखने को मिल रही है। इसे तुरंत रोका जाना चाहिए। मराठी हमारी मातृभाषा है और उसका सम्मान हम सभी का गर्व है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति किसी भाषा को नहीं जानता तो उसे डराना या सताना अपराध की श्रेणी में आता है। मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है, यहां तमाम भाषाएं बोलने वाले, छोटे व्यापारी और मेहनती कामगार रहते हैं। उन पर हो रहे अन्याय को तुरंत खत्म किया जाना चाहिए। मैं सरकार से अपील करता हूं कि इस प्रकार की घटनाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। समाज में एकता, सम्मान और समानता बनाए रखना ही असली मुंबई की पहचान है।

हाल के दिनों में सामने आई हैं मारपीट की घटनाएं

हाल के दिनों में मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में भाषा के मुद्दे पर कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें हिंदी बोलने वाले लोगों से बदसलूकी या मारपीट की खबरें आईं।

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