KNEWS DESK- उत्तराखंड विधानसभा का सत्र 5 फरवरी 2024 से शुरू हुआ। इस सत्र में समान नागरिक संहिता का विधेयक भी पेश किया जा सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूनियन सिविल कोड (यूसीसी) को लेकर मुख्यमंत्री निवास पर रविवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई, जिसमें यूसीसी के मसौदे को मंजूरी दी गई। विधानसभा सत्र 5 से 8 फरवरी तक चलने वाला है। इस सत्र में सदन के पटल पर यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट रखा जाएगा।
उत्तराखंड में यूसीसी से क्या बदलेगा?
– सभी धर्मों में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल होगी
– पुरुष-महिला को तलाक देने के समान अधिकार
– लिव इन रिलेशनशिप डिक्लेयर करना जरूरी
– लिव इन रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर 6 माह की सजा
– लिव-इन में पैदा बच्चों को संपत्ति में समान अधिकार
– महिला के दोबारा विवाह में कोई शर्त नहीं
– अनुसूचित जनजाति दायरे से बाहर
– बहु विवाह पर रोक, पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी नहीं
– शादी का रजिस्ट्रेशन जरूरी बिना रजिस्ट्रेशन सुविधा नहीं
– उत्तराधिकार में लड़कियों को बराबर का हक
मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही यूसीसी विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी
वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा जनता से किए गए प्रमुख वादों में यूसीसी पर अधिनियम बनाकर उसे प्रदेश में लागू करना भी शामिल था। वर्ष 2000 में अस्तित्व में आए उत्तराखंड राज्य में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करने का इतिहास रचने के बाद भाजपा ने मार्च 2022 में सरकार गठन के तत्काल बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी दे दी थी।
यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा उत्तराखंड
कानून बनने के बाद उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा। गोवा में पुर्तगाली शासन के दिनों से ही यूसीसी लागू है। यूसीसी के तहत प्रदेश में सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, जमीन, संपत्ति और उत्तराधिकार के समान कानून लागू होंगे, चाहे वे किसी भी धर्म को मानने वाले हों।
सीएम पुष्कर सिंह धामी पेश करेंगे विधेयक
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक पेश करेंगे।
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