राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ आज, घर पर इस प्रकार करें भगवान राम का पूजन, पूरी होगी मनोकामना

KNEWS DESK-  22 जनवरी 2025 को अयोध्या में स्थित श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को एक साल पूरा होने जा रहा है। यह अवसर न केवल अयोध्या, बल्कि पूरे देश में विशेष रूप से मनाया जा रहा है। धार्मिक दृष्टि से यह दिन बेहद महत्वपूर्ण है, और इस शुभ अवसर पर भगवान राम की पूजा अर्चना से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इस दिन को विशेष बनाने के लिए आप अपने घर पर भी भगवान राम की पूजा विधिपूर्वक कर सकते हैं।

घर पर श्रीराम की पूजा विधि

1. सुबह की पूजा
पूजा की शुरुआत सुबह जल्दी उठकर स्नान करने से करें। इसके बाद ब्रह्म मुहूर्त में भगवान राम का ध्यान करते हुए रामरक्षास्तोत्र का पाठ करें। राम को पंचामृत से स्नान कराएं और फिर उन्हें नए वस्त्र पहनाएं।

2. दीपक और रामचरितमानस का पाठ
इसके बाद घर में एक घी का दीपक जलाएं और पूरे परिवार के साथ रामचरितमानस का पाठ करें। यदि समय हो, तो सुंदरकांड का पाठ भी करें, जो श्रीराम के जीवन के महत्वपूर्ण घटनाओं को समेटे हुए है।

3. हनुमान चालीसा और कीर्तन
हनुमान चालीसा का पाठ करें और साथ ही सभी परिवार के सदस्य मिलकर भगवान राम का कीर्तन करें। यह न केवल आपकी पूजा को विशेष बनाता है, बल्कि पूरे परिवार में एकता और खुशी का माहौल भी बनाता है।

4. राम मंत्र का जाप
अपने मन की इच्छाओं और संकल्पों को भगवान राम के चरणों में अर्पित करें और रामजी के मंत्रों का जाप करें। “ओम दाशरथये विद्महे जानकी वल्लभाय धी महि तन्नो रामः प्रचोदयात्” का 108 बार जाप करें। यह मंत्र मानसिक शांति और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करता है।

5. भोग और प्रसाद वितरण
पूजा के बाद भगवान राम को भोग अर्पित करें और फिर उन प्रसादों को परिवार के सभी सदस्यों और अन्य लोगों में वितरित करें। यह पुण्य कार्य करने से जीवन में आशीर्वाद मिलता है।

6. दीपक जलाने का महत्व
शाम को घर के प्रत्येक कमरे में घी का दीपक जलाएं। इसके अलावा, एक दीपक श्रीराम के मंदिर में रखें, जिससे वह देर रात तक जलता रहे। दीपक की लौ से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

7. दान और पुण्य कार्य
श्रीराम के इस पावन दिन पर दान और पुण्य कार्य करने से विशेष लाभ होता है। यदि आप सक्षम हैं, तो जरुरतमंदों को दान दें, या फिर किसी भंडारे में जाकर भोजन का दान करें। यह न केवल पुण्य बढ़ाता है, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे का संदेश भी फैलाता है।

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