भाजपा के जिलाध्याक्षों की सूची आज होगी जारी, इन जिलों में नहीं होगी घोषणा

KNEWS DESK-  भाजपा के जिलाध्यक्षों की सूची आज जिलेवार घोषित की जाएगी। दो महीने से चल रही माथापच्ची और चयन की प्रक्रिया के बाद यह घोषणा होने जा रही है। हालांकि, पार्टी में चल रहे कुछ आपसी विवादों के चलते एक दर्जन से अधिक जिलों के अध्यक्षों की घोषणा पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। ऐसे में भाजपा के संगठनात्मक 98 जिलों में से केवल 80 से अधिक जिलों के जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा की जा सकेगी।

प्रदेश के चुनाव अधिकारी डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय के निर्देशों पर संबंधित जिलों के चुनाव अधिकारी और प्रेक्षक इन जिलों के लिए रवाना हो चुके हैं। रविवार को दोपहर दो बजे, एक साथ सभी जिलों में जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा की जाएगी। इस मौके पर हर जिले में एक बड़ा नेता या मंत्री भी मौजूद रहेगा, जो इस समारोह में भाग लेंगे।

भा.ज.पा. संगठन के चुनाव की प्रक्रिया पिछले साल से ही शुरू हो गई थी। पहले मंडल अध्यक्षों के चुनाव दिसंबर में संपन्न हुए थे, जबकि जिलाध्यक्षों के चुनाव जनवरी के अंत तक किए जाने थे। हालांकि, मंडल अध्यक्षों के चुनाव जनवरी में ही समाप्त हो पाए थे। कई जिलों में नामों पर सवाल उठने लगे थे और इसमें पिछड़े वर्ग, दलितों और महिलाओं की भागीदारी पर भी आलोचना हुई थी। इस पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने आपत्ति जताई और फिर प्रदेश स्तर पर संगठन मंत्री ने एक-एक सूची की गहनता से जांच कर विसंगतियों को दूर किया।

 प्रदेश चुनाव अधिकारी डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय ने बताया कि लखनऊ और गाजियाबाद, जहां जिला और महानगर कार्यालय अलग-अलग हैं, को छोड़कर बाकी सभी जिलों में दोपहर दो बजे एक साथ बैठक आयोजित की जाएगी। इन जिलों में एक ही कार्यक्रम होगा, जबकि दो कार्यालय वाले जिलों में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन आयोजनों में जिला पदाधिकारी, वरिष्ठ मोर्चा पदाधिकारी, राष्ट्रीय, प्रदेश और क्षेत्रीय पदाधिकारी, मंडल अध्यक्ष, और जिला प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।

इसके अलावा, डॉ. पांडेय ने आदेश दिया है कि मौजूदा और पूर्व जिलाध्यक्षों की उपस्थिति में ही जिलाध्यक्षों की घोषणा की जाए। प्रदेश स्तर पर पार्टी के अध्यक्ष, प्रदेश चुनाव प्रभारी, और महामंत्री संगठन ऑनलाइन मॉनीटरिंग करेंगे। इसके लिए प्रदेश कार्यालय में एक टास्क सेंटर भी स्थापित किया गया है और सभी जिला कार्यालयों में कैमरे लगाए गए हैं, ताकि प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।

भा.ज.पा. के संगठनात्मक दृष्टिकोण से प्रदेश के 98 जिलों में से एक दर्जन से अधिक जिलों में जिलाध्यक्षों के नाम पर सहमति न बनने के कारण, इन जिलों की घोषणा पर रोक लगा दी गई है। इनमें प्रमुख जिलों में अयोध्या, अंबेडकरनगर, सीतापुर, झांसी, मेरठ, और अन्य जिले शामिल हैं। खासतौर पर मेरठ जिले के अध्यक्ष की सूची पर रोक लगी है, जबकि महानगर अध्यक्ष की घोषणा की जाएगी।

इसके अलावा, पांच जिलों में तो मंडलीय पदाधिकारियों के चुनाव ही संपन्न नहीं हो सके थे, जिनमें अयोध्या नगर और ग्रामीण, कानपुर उत्तरी और लखीमपुर शामिल हैं। इन जिलों में भी अध्यक्षों की घोषणा रोक दी गई है। इस प्रकार, 80 से अधिक जिलों में ही जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा की जाएगी।

भा.ज.पा. के जिलाध्यक्षों की घोषणा एक महत्वपूर्ण कदम है, जो संगठन की मजबूती और नेतृत्व में स्पष्टता को दर्शाता है। हालांकि, कुछ जिलों में नामों पर सहमति नहीं बनने के कारण इस प्रक्रिया में थोड़ी देरी हुई है। आगामी दिनों में बाकी जिलों की घोषणा भी संभवत: पूरी हो जाएगी, और पार्टी के नेताओं का विश्वास है कि यह प्रक्रिया संगठन को और सशक्त बनाएगी।

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