यूपी, सोमवार से उत्तर प्रदेश विधानमंडल का आगामी बजट सत्र होने जा रहा है। इस सत्र के कानपुर देहात जिले में मां-बेटी की मौत, कानून-व्यवस्था और महंगाई समेत अन्य मामलों को लेकर हंगामेदार रहने की संभावना है। विपक्ष ने भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है। वहीं, राज्य सरकार अपने बचाव में बड़ी ही सरलता से स्पष्ट रूप से कह रही है कि विपक्ष के पास सदन के पटल पर उसे घेरने के लिए कोई मुद्दा ही नहीं है।
उप्र विधानमंडल बजट 22 फरवरी पेश किए जाने की संभावनाएं है साथ ही 20 फरवरी से विधानमंडल बजट शुरू हो जाए गा।
15 फरवरी को समाजवादी पार्टी ने कहा था कि सोमवार से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए इस मामले पर प्रमुखता से चर्चा की मांग होगी। वह विधानसभा में कानपुर देहात जिले में एक अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान कथित तौर पर आत्मदाह के कारण एक महिला और उसकी बेटी की मौत का मुद्दा।
13 फरवरी की शाम कानपुर देहात जिले के रूरा थाना इलाके के मडौली गांव में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान प्रमिला दीक्षित (45) और उनकी बेटी नेहा दीक्षित (20) ने कथित तौर पर अपनी झोपड़ी में खुद को आग लगा ली थी, जिससे दोनों की मौत हो गयी। उनकी झोपड़ी कथित रूप से ग्राम समाज की जमीन पर बनी थी। दोनों का बुधवार को पुलिस की मौजूदगी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यहां अंतिम संस्कार किया गया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को दोनों महिलाओं की मौत के मामले में मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए। पुलिस ने 13 फरवरी की घटना के बाद एक उप जिलाधिकारी, चार राजस्व अधिकारियों, एक थाना प्रभारी और अज्ञात पुलिसकर्मियों सहित 39 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.
उप्र विधान परिषद में सपा के सदस्य आशुतोष सिन्हा, महराजगंज जिले की फरेंदा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक वीरेन्द्र चौधरी समेत विपक्ष के कई नेताओं ने अलग अलग बातचीत में ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कानपुर देहात का मामला सदन में प्रमुखता से उठाया जाएगा और महंगाई, बेरोजगारी एवं कानून-व्यवस्था के मसले पर भी चर्चा की मांग होगी।
विपक्षी दलों के नेताओं ने यह भी कहा कि हाल में लखनऊ में ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023′ की मेजबानी करने वाली राज्य सरकार से यह भी पूछा जाएगा कि पिछली बैठकों में किए गए निवेश के कितने प्रतिशद वादे को धरातल पर लागू किया गया है। विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के इकलौते सदस्य उमा शंकर सिंह ने कहा कि कानपुर देहात में मां-बेटी की जान जाने और राज्य सरकार द्वारा गन्ने के दाम नहीं बढ़ाने का मुद्दा विधानसभा में उठाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्षी दलों के विचारों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। जिस से वो सरकार पर कोई आरोप लगा सके, सरकार अच्छा काम करवा रही है और करवाती रहेगी, जहां तक कानपुर देहात की घटना का संबंध है, कार्रवाई शुरू कर दी गई है।” उन्होंने साफ कहा कि दोषी व्यक्तियों को बख्शा नहीं जाएगा और उन अधिकारियों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच होगी, जिन्होंने राज्य सरकार के निर्देशों के खिलाफ काम किया है। यह पूछे जाने पर कि क्या विधानसभा में रामचरितमानस पर बहस हो सकती है, मौर्य ने कहा, ‘‘राजनेता कानूनों और विकास पर बोलते हैं और ‘धर्माचार्य’ धार्मिक ग्रंथों पर बोलते हैं।”
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, ‘‘हम एक बजट ला रहे हैं, जो उत्तर प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए होगा। बजट राज्य के लोगों के जीवन में परिवर्तन लाएगा। कानपुर देहात हिंसा पर पाठक ने कहा, ‘‘कानपुर देहात मामले की एसआईटी (विशेष जांच दल) जांच पहले से ही चल रही है। दोषियों को सजा मिलेगी। सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है।”