सुप्रीम कोर्ट ने EVM के काम करने के तरीके पर दायर याचिका को सुनने से किया इनकार, चुनाव आयोग को मिली बड़ी राहत

KNEWS DESK- सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के कामकाज में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली याचिका पर शुक्रवार यानी 15 मार्च को विचार करने से इनकार करते हुए कहा, “हर पद्धति के अपने सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष होते हैं।”

जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि ये अदालत कई याचिकाओं की पहले ही कई मौकों पर पड़ताल कर चुकी है और ईवीएम के कामकाज से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार कर चुकी है।

बेंच ने याचिकाकर्ता नंदिनी शर्मा से कहा, “हम कितनी याचिकाओं पर विचार करेंगे? हाल ही में, हमने वीवीपीएटी से संबंधित एक याचिका पर विचार किया था। हम धारणाओं पर नहीं चल सकते। हर पद्धति के अपने सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष होते हैं। क्षमा करें, हम अनुच्छेद 32 के तहत इस पर विचार नहीं कर सकते।’’

बेंच ने आदेश में कहा कि याचिका में उठाए गए मुद्दे की सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न याचिकाओं में पड़ताल की है। जस्टिस खन्ना ने कहा कि अदालत ने इस मुद्दे पर 10 से ज्यादा मामलों की पड़ताल की है। शर्मा ने अपनी याचिका में भारत के निर्वाचन आयोग और छह राजनैतिक दलों को पक्षकार बनाया था।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस साल की शुरूआत में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, दिग्विजय सिंह ने एक्स पर दावा किया था कि भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को मतगणना से कुछ दिन पहले विधानसभा चुनाव परिणामों की पूरी जानकारी थी हालाँकि, दिग्विजय सिंह ने अपने अकाउंट से पोस्ट बाद में हटा दिया था। ये आरोप राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा में जीत हासिल करने के लिए भाजपा पर ईवीएम से छेड़छाड़ के कांग्रेस के आरोपों के बाद सामने आए।

ये भी पढ़ें-   भाजपा प्रदेश कार्यालय के कॉलिंग एजेंट पर जानलेवा हमला, दर्जनों दबंगों ने जान से मारने का किया प्रयास, गंभीर हालत में लखनऊ रेफर

About Post Author