उत्तराखंड, उत्तराखंड में सड़क पर घमासान छिड़ गया है। एक तरह जहां सरकार सड़कों का जाल बिछाने का दावा कर रही है तो दूसरी ओर उत्तराखंड की विधासभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण जब अपने विधानसभा क्षेत्र में निकलती है तो पाती है कि किशनपुर में जो लोक निर्माण विभाग जो भी सड़कें बना रहा है उनमें गुणवत्ता का कोई ख्याल नहीं रखा जा रहा….गुस्से में लाल विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने तत्काल अधिकारियों को फोन घुमाकर उन्हें जमकर फटकार लगाई. विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए ठेकेदार की पेमेंट रोकने के निर्देश दिए है। साथ ही कहा कि जब तक सड़कों को उखाड़ कर गुणवत्ता पूर्वक दोबारा नहीं बना लिया जाता ठेकेदारों को भुगतान नहीं किया जायेगा। इधर विधानसभा अध्यक्ष का अधिकारियों को फटकारना तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने लगे हाथ स्मार्ट सिटी के कार्यों की जांच का मुद्दा छेड़ दिया….कांग्रेस ने इस मामले में राज्य सरकार को अल्टीमेटम दिया है। कांग्रेस के पूर्व विधायक राजकुमार ने चेतावनी दी है कि यदि स्मार्ट सिटी के कार्यों की जांच नहीं हुई तो कांग्रेस आंदोलन करेगी
कहते हैं सड़कें विकास का आईना होती है….लेकिन क्या करें जब करप्शन की भेंट चढा सिस्टम विकास के इस आईनें को खोखला करने में लगा है ताजा मामला कोट्द्वार का है जहां से विधायक ऋतु खंडूरी जो कि उत्तराखंड की विधानसभा अध्यक्ष भी है रविवार को ऋतु खंडूरी जब अपने विधानसभा क्षेत्र में बन रही सड़कों का निरीक्षण करने पहुंची तो पाया कि गुणवत्ता का तो कोई ध्यान ही नहीं रखा गया है। अध्यक्ष को अपने निरीक्षण के दौरान सीमेंट ढूंढने से नहीं मिला, चालाक ठेकेदारों ने मिट्टी के सहारे ही सड़क का निर्माण कर दिया…..गुस्से से लाल विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने तत्काल अधिकारियों को फोन घुमाकर उन्हें जमकर फटकार लगाई.और कहा कि दोबारा सड़क बनाओं तभी पेमेंट होगी…यह हाल सिर्फ कोट्द्वार का नहीं है ऐसा ही कुछ लक्सर में भी देखने को मिला जहां अकबरपुर के ऊद गांव में बिना सीमेंट के ही सड़क बना दी गई…..लाखों रुपए से बनाई जा रही लक्सर की इस सड़क को टूटने के लिए बरसात का भी इंतजार नहीं करना….क्षेत्र के ग्रामीण दिखा रहे हैं कि करप्शन के मायाजाल के चलते इस सड़क को बिना सीमेंट के ही बनाया जा रहा है।
एक तरफ जहां सड़कों में जगह जगह भ्रष्टाचार देखने को मिल रहा है तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने लगे हाथ स्मार्ट सिटी के मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। राजपुर रोड के पूर्व विधायक राजकुमार ने शहरी विकास सचिव को ज्ञापन भेज स्मार्ट सिटी के कार्यों की जांच की मांग उठाई है। उन्होंने जांच न होने पर आंदोलन और अफसरों के घेराव की चेतावनी भी दी है। आरोप है कि जिन क्षेत्रों में सीवर एवं पानी की लाइनें पड़ी थी, वहां पर फिर से लाइनें डाली गई है। जहां सड़कें, नाले और नालियां ठीक थी, वहां दोबारा बनाकर जनता के पैसे को बर्बाद किया जा रहा है।
कुल मिलाकर चुनावी साल में सड़कों के मायाजाल पर ही सियासत शुरू हो गई है। एक तरफ जहां सरकार विकास के सहारे दोबारा सत्ता का ख्वाब देख रही है तो दूसरी ओर बेलगाम नोकरशाही सरकार पर हावी हो रही है। कहां तो सरकार स्मार्ट सिटी बनाने का दावा कर रही थी और कहां अब सामान्य सड़कों की गुणवत्ता पर ही सवाल उठने लगे हैँ।