Sadhguru के दिमाग में 3 हफ्ते से हो रही थी जानलेवा ब्लीडिंग, जानें क्या है हेल्थ अपडेट…

KNEWS DESK- ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव के स्वास्थ्य को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। मिली जानकारी के मुताबिक, उन्हें बीते 3 हफ्ते से ब्लीडिंग हो रही थी, मगर वो इसके लक्षण को बर्दाश्त करके अपना जरूरी काम करते रहे।

सोशल मीडिया पर ईशा फाउंडेशन ने दी जानकारी

ईशा फाउंडेशन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि कुछ दिन पहले, मस्तिष्क में जानलेवा रक्तस्राव के बाद सद्गुरु की मस्तिष्क की सर्जरी हुई थी। सद्गुरु बहुत अच्छी तरह से ठीक हो रहे हैं, और सर्जरी करने वाले डॉक्टरों की टीम का कहना है कि उनकी हालत में उम्मीदों से परे सुधार हो रहा है।

पीएम मोदी ने सद्गुरु जग्गी वासुदेव से की बातचीत

पीएम मोदी ने ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव से उनके स्वास्थ्य के बारे में हाल जाना। जिसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि @SadguruJV जी से बात की और उनके अच्छे स्वास्थ्य और शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

जिसके जवाब में सद्गुरु के एक्स हैंडल की तरफ से लिखा गया कि प्रिय प्रधानमंत्री जी, मुझे आपकी चिंता नहीं होनी चाहिए। आपके पास आचरण करने के लिए एक राष्ट्र है। आपकी चिंता से अभिभूत हूं, मैं ठीक होने की राह पर हूं। धन्यवाद

सद्गुरु की हालत पर कंगना ने किया रिएक्ट

सद्गुरु जग्गी वासुदेव की हेल्थ पर कंगना रनौत ने भी रिएक्ट किया और सोशल मीडिया पर लिखा कि आज जब मैंने सद्गुरु जी को आईसीयू बिस्तर पर लेटे हुए देखा तो मुझे अचानक उनके अस्तित्व की नश्वरता का एहसास हुआ, इससे पहले मुझे कभी यह ख्याल नहीं आया था कि वह हमारे जैसे ही हड्डियां, खून, मांस हैं। मुझे लगा कि भगवान ढह गए हैं, मुझे लगा कि पृथ्वी हिल गई है, आकाश ने मुझे छोड़ दिया है, मुझे लगता है कि मेरा सिर घूम रहा है, मैं इस वास्तविकता को समझ नहीं पा रहा हूं और इस पर विश्वास नहीं करना चुनता हूं लेकिन फिर अचानक मैं टूट जाता हूं, आज लाखों लोग ( भक्तो) मेरा दुख साझा करो, मैं अपना दर्द आप सभी के साथ साझा करना चाहता हूं, मैं इसे रोक नहीं पा रहा हूं। बेहतर होगा कि वह ठीक हो जाए अन्यथा सूरज नहीं उगेगा, पृथ्वी नहीं हिलेगी। यह क्षण निर्जीव और स्थिर लटका हुआ है…

चार हफ्तों से थे ये लक्षण 

डॉ. ने जानकारी देते हुए कहा कि सद्गुरु को बीते चार हफ्तों से सिरदर्द था। ये दर्द बहुत गंभीर और तेज था लेकिन वो इस दिक्कत को नजरअंदाज करके अपने काम निपटाने में लगे हुए थे। 15 मार्च को दर्द बहुत ज्यादा होने पर उन्होंने डॉक्टर विनीत सूरी से बातचीत की। जिन्होंने एमआरआई करवाने की सलाह दी।

दिमाग में थी जानलेवा ब्लीडिंग

डॉक्टर ने ये भी कहा कि एमआरआई में दिमाग के अंदर बहुत ज्यादा ब्लीडिंग देखी गई। ये ब्लीडिंग दिमाग के बाहर और खोपड़ी के अंदर हो रही थी। एमआरआई में दो बार हो चुकी ब्लीडिंग की Confirmation हुई।

जानें क्या होते हैं ब्रेन ब्लीडिंग के कारण-

चोट या एक्सीडेंट

स्ट्रोक

हाई ब्लड प्रेशर

सबड्यूरल हेमेटोमा

एपिड्यूरल हेपेटोमा

इंट्रासेरेब्रल हेमेटोमा

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