राज ठाकरे का बयान: मराठी सम्मान जरूरी, लेकिन हिंसा की वीडियो बनाना ठीक नहीं

KNEWS DESK-  महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने मराठी भाषा और महाराष्ट्र की संस्कृति को लेकर एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि चाहे कोई गुजराती हो या किसी भी समुदाय से, उसे मराठी आनी चाहिए, लेकिन अगर कोई मराठी नहीं बोलता तो उसे पीटना गलत है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई ‘बेकार का ड्रामा’ करता है तो उसे कान के नीचे थप्पड़ जरूर मारना चाहिए।

राज ठाकरे ने साथ ही यह भी सुझाव दिया कि अगर किसी को पीटा जाता है तो घटना का वीडियो नहीं बनाना चाहिए और पीटे गए व्यक्ति को भी यह बात बतानी चाहिए, लेकिन हर किसी को यह जाहिर करने की जरूरत नहीं कि किसी को पीटा गया है। उनका यह बयान भाषा और पहचान के नाम पर हो रहे विवादों में एक नया विषय बन गया है।

राज ठाकरे ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने एक पुराने इंटरव्यू में कहा था कि उनका महाराष्ट्र राजनीति और लड़ाई से बड़ा है। उन्होंने उद्धव ठाकरे के साथ अपने नए गठजोड़ का जिक्र करते हुए कहा कि जो काम बालासाहेब ठाकरे नहीं कर पाए, वह देवेंद्र फडणवीस ने किया है। उन्होंने इस गठबंधन को दोनों पक्षों को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण कदम बताया।

यह बयान मुंबई के वर्ली डोम से आया है, जहां उद्धव ठाकरे गुट (UBT) और मनसे के नेता एक संयुक्त रैली में शामिल हुए थे। यह रैली उस समय हुई जब महाराष्ट्र सरकार ने हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाने के लिए जारी दो सरकारी आदेशों (GR) को रद्द कर दिया था।

यह घटना महाराष्ट्र में भाषा और सांस्कृतिक पहचान को लेकर चल रहे विवादों के बीच आई है, जहां मराठी भाषा को प्राथमिकता देने की मांग तेज हो रही है। राज ठाकरे का यह बयान इस संदर्भ में काफी चर्चा में है और इसके राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव भी देखने को मिल रहे हैं।

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