KNEWS DESK – कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने इस मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि उन योग्य शिक्षकों को न्याय मिल सके, जिनकी नौकरियां भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की वजह से खतरे में पड़ गई हैं।
राहुल गांधी की राष्ट्रपति से अपील
पश्चिम बंगाल में हाल ही में शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर कोलकाता हाई कोर्ट और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पूरी प्रक्रिया को अवैध घोषित कर दिया। इस फैसले के बाद हजारों शिक्षक, जिनका चयन ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ हुआ था, नौकरी से बाहर हो गए हैं। राहुल गांधी ने अपनी चिट्ठी में इस स्थिति को बेहद दुखद और अन्यायपूर्ण बताया है।
राहुल गांधी ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा, मैं आपको यह पत्र पश्चिम बंगाल के उन हजारों योग्य शिक्षकों के विषय में लिख रहा हूं, जो न्यायपालिका द्वारा भर्ती प्रक्रिया को रद्द किए जाने के कारण अपनी नौकरियां गंवा चुके हैं। ये वे शिक्षक हैं, जो पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया के तहत चुने गए थे। इन्हें अन्य दोषियों के समान मानना पूर्णतः अनुचित होगा।
https://x.com/RahulGandhi/status/1909516744726921521
उन्होंने आगे कहा कि शिक्षक-शिक्षिका अधिकार मंच (IX-X) नामक संगठन का प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला और राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की अपील की। राहुल गांधी ने संगठन की मांग की एक प्रति भी राष्ट्रपति को भेजी है।
राहुल गांधी का कहना है कि जिन उम्मीदवारों ने वर्षों की मेहनत और संघर्ष के बाद यह नौकरी हासिल की थी, उनके साथ दोषियों जैसा व्यवहार करना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर भी विपरीत प्रभाव डालता है। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि राज्य सरकार को निर्देशित करें कि वह ऐसे योग्य शिक्षकों को उनकी नौकरियों पर पुनः बहाल करे, जिन्होंने प्रक्रिया में किसी तरह की अनियमितता नहीं की।
न्यायपालिका का रुख
कोलकाता हाई कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया में गंभीर गड़बड़ियों की ओर इशारा किया था और उसे रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा। अदालतों ने यह जरूर कहा कि भ्रष्टाचार हुआ है, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि सभी उम्मीदवार गलत नहीं थे। राहुल गांधी ने कहा, जो उम्मीदवार दोषी नहीं हैं, उन्हें उसी नजरिए से देखना जैसे दोषियों को देखा जा रहा है, यह लोकतंत्र और न्याय दोनों के खिलाफ है।