KNEWS DESK- पीएम मोदी ने आरबीआई के 90 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय बैंकिंग क्षेत्र का परिवर्तन एक “केस स्टडी” है। पीएम मोदी ने कहा कि देश की बैंकिंग प्रणाली कैसे बदली? यह अपने आप में एक केस स्टडी है।
उन्होंने कहा कि हमने कोई कसर नहीं छोड़ी, हमारी सरकार ने मान्यता, संकल्प, पुनर्पूंजीकरण पर काम किया। पीएम ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को बेहतर बनाने के लिए हमने 3.5 लाख करोड़ रुपये की पूंजी डाली और शासन संबंधी कई सुधार किए।
‘पिछले 10 साल में जो हुआ वो सिर्फ ट्रेलर’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘पिछले 10 साल में जो हुआ वो तो सिर्फ ट्रेलर है, अभी तो बहुत कुछ करना है. अभी तो हमें देश को बहुत आगे ले जाना है.बहुत जरूरी है कि हमारे पास अगले 10 का लक्ष्य स्पष्ट हो। अगले 10 साल के टारगेट को तय करते हुए हमें एक बात और ध्यान रखनी है, वह है भारत के युवाओं की एस्पिरेशन. भारत आज दुनिया के सबसे युवा देश में से एक है इस युवा एस्पिरेशन को पूरा करने में RBI का अहम रोल है. 21वीं सदी में इनोवेशन का बहुत बड़ा महत्व रहने वाला है सरकार इनोवेशन पर रिकॉर्ड इन्वेस्ट कर रही है।’
♦2014 में भारत की बैंकिंग प्रणाली समस्याओं से जूझ रही थी लेकिन अब इसे मजबूत और टिकाऊ माना जाता है- पीएम मोदी@PMOIndia #India #RBI pic.twitter.com/FRmEWfeZjb
— Knews (@Knewsindia) April 1, 2024
पीएम मोदी ने आरबीआई के 90 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि एक दशक पहले बैंकिंग क्षेत्र “समस्याओं और चुनौतियों से जूझ रहा था”, लेकिन अब “भारत की बैंकिंग प्रणाली मजबूत और टिकाऊ मानी जाती है।” ”मुझे याद है कि 2014 में मैं आरबीआई की 80वीं वर्षगांठ में शामिल हुआ था, उस समय स्थिति बहुत अलग थी.” भारत का बैंकिंग सेक्टर समस्याओं और चुनौतियों से जूझ रहा था, भारत के बैंकिंग सेक्टर की स्थिरता और इसका भविष्य सवालों के घेरे में था।”
उन्होंने कहा कि स्थिति इतनी खराब थी कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक आर्थिक विकास को आवश्यक गति नहीं दे पा रहे थे, हम सभी ने वहीं से शुरुआत की और आज भारत की बैंकिंग प्रणाली मजबूत और टिकाऊ मानी जाती है।