पटियाला, 1 अप्रैल को कांग्रेस नेता और पूर्व भारतीय क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला जेल से रिहा हो रहे है. रोड रेज केस में सजा सुनाए जान के बाद सिद्धू ने सरेंडर कर दिया था. वो पिछले 10 महीनों से जेल में बंद है.
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू जेल से रिहा होंगे. यह जानकारी सिद्धू के ट्विटर हैंडल से दी गई. सिद्धू को पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने 1988 के रोड रेज केस में 1 साल की सजा सुनाई थी. वे पिछले 10 महीने से जेल में बंद हैं. दरअसल, सिद्धू ने अपने दोस्त के साथ मिलकर एक शख्स की पिटाई की थी. इसके बाद उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी. हालांकि, रिपोर्ट में सामने आया था कि शख्स की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुआ है.
1 साल के बजाय 10 महीने में क्यों हो रही रिहाई?
पहले अच्छे आचरण के चलते सिद्धू की रिहाई 26 जनवरी को होनी थी. लेकिन आखिरी मौके पर उनकी रिहाई टाल दी गई थी. तब बताया गया था कि सजा के दौरान जेल में नवजोत सिंह सिद्धू का आचरण अच्छा पाया गया. उन्हें क्लर्क के तौर पर जेल के कामकाज की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. उन्होंने जेल में नियम होने के बावजूद भी कोई छुट्टी तक नहीं ली थी. जेल प्रशासन ने गणतंत्र दिवस के मौके पर अच्छे आचरण के चलते कई कैदियों को रिहा करने की सिफारिश पंजाब सरकार को भेजी थी, उसमें सिद्धू का भी नाम था. हालांकि, पंजाब सरकार ने सिद्धू को रिहा नहीं किया था.
27 दिसंबर 1988 को क्या हुआ था ?
27 दिसंबर 1988 की शाम सिद्धू अपने दोस्त रूपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला के शेरावाले गेट की मार्केट पहुंचे थे. ये जगह उनके घर से 1.5 किलोमीटर दूर थी. उस समय सिद्धू एक क्रिकेटर थे. उनका अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू हुए एक साल ही हुआ था. इसी मार्केट में कार पार्किंग को लेकर उनकी 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह से कहासुनी हो गई. बात हाथापाई तक जा पहुंची. सिद्धू ने गुरनाम सिंह को घुटना मारकर गिरा दिया. उसके बाद गुरनाम सिंह को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. रिपोर्ट में आया कि गुरनाम सिंह की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी. उसी दिन सिद्धू और उनके दोस्त रूपिंदर पर कोतवाली थाने में गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज हुआ था.