मेघालय के मुख्यमंत्री का बड़ा बयान, कहा- “समान नागरिक संहिता भारत के वास्तविक विचार के विपरीत”

KNEWS DESK-  यूसीसी पर विपक्ष विरोध कर रहा था और अब एनडीए के बीच भी दरार देखने को मिल रही है।  मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने शुक्रवार को PM नरेंद्र मोदी के समान नागरिक संहिता पर जोर देने की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत एक विविधतापूर्ण देश है और विविधता ही हमारी ताकत है। यूसीसी के रूप में पार्टी का अब तक का नजरिया भारत के वास्तविक विचार के ही खिलाफ है।

आपको बता दें कि मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड ने शुक्रवार को कहा कि समान नागरिक संहिता भारत के वास्तविक विचार के खिलाफ है। जो एनपीपी के अध्यक्ष हैं यूसीसी देश के लिए उपयुक्त नहीं है जो विविधता में एकता की विशेषता वाला एक विविध राष्ट्र है।

 

PM नरेंद्र मोदी ने कहा था दोहरी व्यवस्था से कैसे चलेगा देश  

अमेरिकी दौरे से लौटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ अभियान के तहत भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि एक घर में परिवार के एक सदस्य के लिए एक कानून हो, दूसरे सदस्य के लिए दूसरा कानून हो, तो वो घर नहीं चल पाएगा। ऐसे में दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा? उन्होंने आगे कहा था कि संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है। सुप्रीम कोर्ट भी कह रही है कि कॉमन सिविल कोड लाओ। इसके बाद से ही अटकलें लगाई जा रही हैं कि विधि आयोग ने यूसीसी पर सार्वजनिक और धार्मिक संगठनों के विचार आमंत्रित किए हैं, जिससे यह अटकलें तेज हो गई हैं कि एक मसौदा अगले संसद सत्र में पेश किया जा सकता है।

हम नहीं चाहेंगे कि हमारी संस्कृति को कोई छुए

नेशनल पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष संगमा ने कहा कि यूसीसी देश के लिए उपयुक्त नहीं है। यह भारत के वास्तविक विचार के खिलाफ है, जो विविधता में एकता की विशेषता वाला एक विविध राष्ट्र है। उन्होंने आगे कहा कि विविध संस्कृतियां, परंपराएं, जीवनशैली और धर्म देश की ताकत हैं। उन्होंने कहा कि “मेघालय एक मातृसत्तात्मक समाज है और यही हमारी ताकत है। जिस संस्कृति और अन्य पहलुओं का हम लंबे समय से अनुसरण कर रहे हैं, उन्हें बदला नहीं जा सकता। एक राजनीतिक दल के रूप में, हमें एहसास है कि पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को एक अनूठी संस्कृति मिली है। हम नहीं चाहेंगे कि हमारी परंपरा और संस्कृति को छुआ जाए।”

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