महाराष्ट्र सरकार ने लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण के खिलाफ समिति का किया गठन, कानूनी उपाय सुझाने की योजना

KNEWS DESK-  महाराष्ट्र सरकार ने अब लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण के मामलों को रोकने के लिए कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। इसके लिए राज्य सरकार ने एक सात सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो इन मुद्दों से निपटने के लिए कानूनी उपायों पर विचार करेगी। यह समिति लव जिहाद और धर्मांतरण से संबंधित मामलों में प्रभावी कदम उठाने की योजना तैयार करेगी। समिति का नेतृत्व महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) करेंगे।

समिति का गठन और उद्देश्यों का विस्तार

महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी किए। समिति के गठन का उद्देश्य लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण की घटनाओं को रोकने के लिए कानूनी उपायों की पहचान करना है। समिति यह अध्ययन करेगी कि इन मुद्दों से संबंधित घटनाओं को कैसे प्रभावी रूप से निपटा जा सकता है। इसके अलावा, समिति अन्य राज्यों में लागू किए गए कानूनों का भी अध्ययन करेगी, ताकि महाराष्ट्र में इन मुद्दों से निपटने के लिए बेहतर कदम उठाए जा सकें।

समिति में महाराष्ट्र के डीजीपी के अलावा महिला एवं बाल कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक विभाग, कानून और न्यायपालिका विभाग, सामाजिक न्याय विभाग और विशेष सहायता विभाग के सचिवों के साथ-साथ गृह विभाग के उप-सचिव भी शामिल होंगे। यह समिति अन्य राज्यों में इस तरह के मामलों से निपटने के लिए उठाए गए कदमों का भी अध्ययन करेगी और उन पर आधारित सुझाव देगी।

लव जिहाद और धर्मांतरण: क्या है विवाद?

“लव जिहाद” शब्द का इस्तेमाल मुख्य रूप से दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं और संगठनों द्वारा किया जाता है। आरोप यह लगाया जाता है कि मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं से विवाह करके उनका धर्मांतरण करने की साजिश रचते हैं। इस आरोप के आधार पर कई राज्यों में लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण से संबंधित कानून बनाए गए हैं, ताकि इन घटनाओं पर नियंत्रण पाया जा सके। महाराष्ट्र की नई समिति भी इन्हीं आरोपों और घटनाओं को लेकर कानूनी उपाय सुझाएगी।

समिति की कार्यवाही और भविष्य की दिशा

यह समिति इन घटनाओं के कानूनी पहलुओं पर सलाह भी देगी और इस बारे में अध्ययन करेगी कि इन मुद्दों को कैसे प्रभावी ढंग से रोका जा सकता है। राज्य सरकार इस मामले में सख्त कदम उठाने की तैयारी में है, और यह सुनिश्चित करना चाहती है कि राज्य में इस तरह की घटनाएं न बढ़ें।

महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि इस समिति के सुझावों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी, ताकि लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण जैसे मुद्दों से निपटने के लिए कानूनी और प्रशासनिक उपाय किए जा सकें। यह कदम अन्य राज्यों में किए गए प्रयासों के समान होगा, जहां ऐसे कानूनों को लागू किया गया है।

महाराष्ट्र सरकार का यह कदम लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण की घटनाओं को रोकने के लिए कानूनी उपायों को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। समिति का गठन राज्य सरकार के गंभीर प्रयासों का हिस्सा है, जो इन मुद्दों पर प्रभावी नियंत्रण पाने की कोशिश कर रही है। अब यह देखना होगा कि इस समिति के द्वारा सुझाए गए उपाय कितने प्रभावी साबित होते हैं और राज्य में इस संबंध में कैसे आगे बढ़ा जाता है।

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