लोकसभा चुनाव 2024: महाराष्ट्र की सोलापुर सीट पर वोटरों के लिए पानी की कमी और बेरोजगारी अहम मुद्दा, बीजेपी उम्मीदवार ने बताया कांग्रेस की देन

KNEWS DESK-  महाराष्ट्र की सोलापुर लोकसभा सीट में जिले की 6 विधानसभा सीट शामिल हैं। 2014 से बीजेपी का इस सीट पर कब्जा है और बीजेपी ने इस बार एक नया चेहरा राम सातपुते को मैदान में उतारा है। सातपुते मालशिरस विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक हैं।

कांग्रेस की उम्मीदवार प्रणीति शिंदे पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी हैं। प्रणीति शिंदे सोलापुर सिटी सेंट्रल सीट से तीन बार विधायक भी रह चुकी हैं। सुशील कुमार शिंदे खुद इस सीट से तीन बार सांसद रह चुके हैं। कांग्रेस इस लोकसभा सीट को वापस लेने के लिए जमकर प्रचार कर रही है और पानी की कमी के मुद्दे को जोरशोर से उठा रही है।

सोलापुर से कांग्रेस उम्मीदवार प्रणिति शिंदे ने कहा कि शहर में मुख्य मुद्दा पानी की कमी है। पहले हमें दिन में दो बार पानी मिलता था। अब ये घटकर सात दिनों में एक बार हो गया है और ये सब इसलिए है क्योंकि बीजेपी ने ठीक से योजना नहीं बनाई है। साथ ही नगर निगम चुनाव भी थे। दो साल पहले इसमें देरी हुई है। हमें इसके पीछे का कारण नहीं पता है। पूरे राज्य में स्थानीय स्वशासन चुनावों में देरी हुई है, यही वजह है कि यहां के लोगों के लिए कोई उचित जल ऑडिट या जल योजना नहीं है, जिसका खामियाजा सोलापुर को भुगतना पड़ेगा। ये सब बीजेपी का किया धरा है।

दूसरी ओर बीजेपी उम्मीदवार राम सातपुते पानी की कमी को कांग्रेस की देन बता रहे हैं और उनका दावा है कि मोदी सरकार की जल परियोजना अगले पांच महीनों में पानी की समस्या को दूर कर देगी।

सोलापुर से बीजेपी के उम्मीदवार राम सतपुते ने कहा कि ये कांग्रेस का नैरेटिव पॉलिटिक्स है। मैं सोलापुर के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मोदी जी द्वारा स्वीकृत 650 करोड़ रुपये की पाइपलाइन की जल परियोजना उज्जनी बांध से सोलापुर तक पानी लाएगी। काम चल रहा है और आने वाले पांच महीनों में शहर की पानी की समस्या दूर हो जाएगी। ग्रामीण इलाकों में, सिंचाई के लिए पानी अकालकोट क्षेत्र में खरीदा था। 40 साल में कांग्रेस ने कुछ नहीं किया।

वोटरों की मांग है कि यहां पर पानी की कमी का मुद्दा जल्द से जल्द हल किया जाए। तो वहीं सोलापुर निवासी ने कहा कि सोलापुर में पानी नहीं है, सड़कें खराब हैं और युवाओं के लिए नौकरियां नहीं हैं। इसलिए हमें एक आईटी पार्क की जरूरत है। लेकिन पिछले 10 वर्षों में कुछ नहीं हुआ है।

युवा बेरोजगारी को मुख्य मुद्दा बता रहे हैं। उनका कहना है कि नौकरी की वजह से उन्हें मुंबई या पुणे की ओर पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। सोलापुर में बीड़ी का कारोबार बड़े पैमाने पर होता है। जिले भर में बीड़ी बनाने की करीब 115 यूनिट हैं। घर पर बीड़ी बनाने का काम करने वाली महिला श्रमिक ने उन समस्याओं के बारे में बताया जिससे उन्हें रोजाना दो चार होना पड़ता है। वंचित बहुजन अघाड़ी के उम्मीदवार ने अपना नॉमिनेशन वापस ले लिया था और एआईएमआईएम ने इस सीट पर अपना उम्मीदवार खड़ा करने से मना कर दिया था। बता दें कि सोलापुर लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होना है।

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