लोकसभा चुनाव 2024: अलग राज्य की मांग महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में अहम मुद्दा

KNEWS DESK- महाराष्ट्र की शीतकालीन राजधानी नागपुर प्रशासनिक और राजनैतिक रूप से बेहद अहम है। नागपुर में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुख्यालय है। इस शहर से कई मशहूर लोग राष्ट्रीय राजनीति का हिस्सा बने हैं। नागपुर से मौजूदा सांसद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी हैं। महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नागपुर दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट से विधायक हैं।

नागपुर महाराष्ट्र के विदर्भ रीजन का हिस्सा है। यहां लोगों की कई शिकायतें हैं। शिकायतों की सूची में बेरोजगारी सबसे ऊपर है। विदर्भ में लंबे समय से अलग राज्य की मांग की जा रही है। ज्यादातर राजनैतिक दल मांग के समर्थन में हैं, लेकिन मांग अब तक पूरी नहीं हुई है। इसका गुस्सा यहां के लोगों में साफ झलकता है। वर्धा में महात्मा गांधी ने सेवाग्राम आश्रम की स्थापना की थी। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में इसकी अहम भूमिका रही है।

वर्धा लोकसभा रीजन में लोगों की आजीविका मुख्य रूप से खेती पर निर्भर है। उनकी चिंताओं में विकास की कमी के अलावा दूसरे मुद्दे भी हैं। अकोला में खराब सड़कों और शिक्षा के कमजोर बुनियादी ढांचे की शिकायतें हैं। यहां के लोगों की सबसे बड़ी चिंता बेरोजगारी है। अकोला सीट पर 2004 से बीजेपी का कब्जा है।

भंडारा-गोंदिया सीट से कई प्रमुख नेता चुने गए हैं। इनमें 2009 में अविभाजित एनसीपी से प्रफुल्ल पटेल और 2014 में बीजेपी के टिकट पर नाना पटोले शामिल हैं। नाना पटोले अब राज्य कांग्रेस प्रमुख हैं। ये सीट फिलहाल बीजेपी के पास है। यहां के लोगों का कहना है कि कोई भी पार्टी अपने वादे पूरे नहीं करती। विदर्भ रीजन में 10 लोकसभा सीट हैं। इनमें नागपुर, वर्धा, अकोला और भंडारा के अलावा नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिला भी शामिल है। हालांकि वहां अब नक्सली असर कम हो रहा है। महाराष्ट्र में राजनैतिक रूप से महत्वपूर्ण और कपास उगाने वाले रीजन की 10 सीट पर 2024 के लोकसभा चुनाव में दिलचस्प मुकाबले देखने को मिल सकते हैं।

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