जानिए कौन हैं पासमांदा बिरादरी से आने वाले MLC तारिक मंसूरी?, नड्डा टीम में बनाए गए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

KNEWS DESK… भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने आज अपनी टीम का ऐलान कर दिया है जिसमें 13 राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए हैं। जिनमें एक नाम ऐसा भी है जो अब बहुत ही ज्यादा का चर्चा का विषय बना है। यह नाम है तारिक मंसूर का जिनको नड्डा ने अपनी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की लिस्ट में जगह दी है।

दरअसल आपको बता दें कि प्रोफेसर तारिक मंसूप अभी उत्तर प्रदेश में भाजपा के विधान परिषद के सदस्य हैं। विधान परिषद के सदस्य बनने के पहले तारिक मंसूरी 6 वर्ष तक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रहे है। इनका यह कार्यकाल 7 मई 2017 से 2 अप्रैल 2023 तक रहा था। जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले भी तारिक मंसूरी भाजपा और RSS  के नेताओं के साथ करीबी सम्बंध रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तारिक ने जब AMU शताब्दी वर्ष कार्यक्रम में आमंत्रित किया था तो उस दौरान काफी सियासी बवाल हुआ था। बता दें कि तारिक मंसूर के पुत्र की शादी में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शिरकत की थी।

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गौरबतल हो कि वर्ष 2019 में CAA और NRC को लेकर देश में कई स्थानों पर बवाल हो रहा था, तो उश समय अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में भी छात्रों ने CAA  और NRC के खिलाफ आंदोलन किया जा रहा था। इस दौरान तारिक मंसूरी ने वाइस चांसलर के रूप में कैंपस के अंदर पुलिस फोर्स बुला ली थी। उस दौरान यह पहली बार हुआ था कि AMU कैंपस के अंदर पुलिस आई।

जानकारी के लिए बता दें कि तारिक मंसूरी  मुस्लिमों में कुरैशी बिरादरी से आते हैं। जिनको मुस्लिम समुदाय में पासमांदा कहा जाता है। भाजपा इस पासमांदा समुदाय तक पहुंचने के लिए कई कार्यक्रम भी कर रही है। कुछ समय पहले ही पीएम मोदी ने भोपाल में कहा था कि कि अगर हम मुसलमान भाई-बहनों की तरफ देखते हैं, पसमांदा मुसलमानों को वोटबैंक की राजनीति करने वालों ने जीना मुश्किल करके रखा हुआ है उनको तबाह करके रखा है। दरअसल,  मुसलमानों में पसमांदा मुस्लिम सामाजिक और आर्थिक के साथ ही राजनीतिक और शैक्षणिक रूप से भी काफी पिछड़े हैं. देश में मुसलमानों की कुल आबादी में लगभग 85 फीसदी पासमांदा हैं जबकि 15 फीसदी उच्च जाति के मुसलमानों की आबादी है। दलित और बैकवर्ड मुस्लिम , पासमांदा वर्ग में आते हैं।

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गौरबतल हो कि AMU की बेवसाइट के अनुसार, तारिक मंसूरी पहले जवाहरलाल नेहरू मेडिकल काॅलेज, अलीगढ़ में सर्जरी विभाग में प्रोफेसर थे। बता दें कि जब BBC  के द्वारा जब पीएम मोदी को लेकर डाॅक्यूमेंट्री रिलीज की गई थी तो मंसूरी के द्वारा BBC की आलोचना की गई थी। BBC  पर तारिक ने निशाना साधते हुए कहा था कि ‘एजेंडा-संचालित पत्रकारिता’ बताया था। लगभग चार दशकों के अपने शिक्षण, अनुसंधान, क्लिनिकल और प्रशासनिक अनुभव के साथ, उनके पास 107 पब्लिकेशन हैं और उन्होंने 58 पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल छात्रों की थीसिस का पर्यवेक्षण किया है।

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प्रधानमंत्री द्वारा डॉ. तारिक को वर्ष 2023 के लिए भारत सरकार की पद्म पुरस्कार समिति के सदस्य के रूप में नामित किया गया था। वह मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य भी रह चुके हैं। इसके अलावा भारतीय प्रबंधन संस्थान (लखनऊ) के बोर्ड ऑफ गवर्नेर्स में शामिल रहे हैं। वह मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउंडेशन (अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार) के शासी निकाय और अल्पसंख्यक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय निगरानी समिति, शिक्षा मंत्रालय में भी डॉ. मंसूर पदासीन रहे हैं। इसके अलावा वह शिक्षा मंत्रालय में भी विभिन्न समीतियों में काम कर चुके हैं।

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