41 दिन की यात्रा में जानिये क्या-क्या काम करेंगे लैंडर और रोवर…..

KNEWS DESK…. दुनियाभर के लोगों की नजरें चंद्रयान पर टिकी हुईं हैं ।सभी को बस अब इंतजार है  आज चंद्रयान-3 की चाँद पर सॉफ्ट लैंडिग का। 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग हुई और अब बस आज (23 अगस्त )  शाम के 6 बजकर 4 मिनट का इंतजार है। चंद्रयान चांद पर पृथ्वी के 14 दिन यानी चांद के एक दिन रहकर स्टडी करेगा ।पहली बार कोई देश चांद के दक्षिणी ध्रुव पर स्पेसक्राफ्ट को उतारेगा. इस वजह पूरी दुनिया के साइंटिस्ट भारत के मिशन मून पर टकटकी लगाए बैठे हैं..

क्या है सॉफ्ट लैंडिंग और कितनी स्पीड से ?

चंद्रमा की सतह पर स्पेसक्राफ्ट को नियंत्रित तरीके से उतारने की प्रक्रिया को सॉफ्ट लैंडिंग कहते हैं। इस दौरान स्पेसक्राफ्ट की गति को कंट्रोल करते हुए धीरे-धीरे कम किया जाता है।शाम को 6 बजकर 4 मिनट पर जब चंद्रयान-3 चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग शुरू करेगा तो उसकी स्पीड 1.68 किमी प्रति सेकेंड यानी 6048 प्रति घंटा होगी। इसका मतलब आसमान में प्लेन की स्पीड की 10 गुना ज्यादा गति पर होगा। इसके बाद वह गति को धीमा करना शुरू करेगा।

लैंडर और रोवर का काम

चंद्रयान-3 के तीन प्रमुख हिस्से हैं, पहला प्रोप्लशन मॉड्यूल, दूसरा लैंडर मॉड्यूल विक्रम और तीसरा रोवर प्रज्ञान। 17 अगस्ते को प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने के बाद लैंडर मॉड्यूल विक्रम रोवर प्रज्ञान को अपनी गोद में बैठाकर चांद की तरफ आगे बढ़ रहा है। 23 अगस्त को लैंडर विक्रम चांद की सतह पर रोवर प्रज्ञान उतारेगा। रोवर प्रज्ञान चांद पर घूमकर सैंपल कलेक्ट करेगा और वैज्ञानिक परीक्षण करेगा।

About Post Author