मोदी-ट्रंप बातचीत पर जयराम रमेश की चूक, बीजेपी का पलटवार, विपक्ष ने उठाए कूटनीतिक सवाल

KNEWS DESK-  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हाल ही में हुई 35 मिनट की फोन बातचीत को लेकर देश की राजनीति में नया घमासान खड़ा हो गया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस बातचीत पर सवाल खड़े करते हुए एक गलत अमेरिकी बयान का हवाला दे दिया, जिसके बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी।

जयराम रमेश ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में व्हाइट हाउस का एक पोस्ट दिखाया और दावा किया कि ट्रंप की ओर से जारी बयान और भारत के विदेश सचिव के रीडआउट में जमीन-आसमान का फर्क है। उन्होंने कहा कि ट्रंप के रुख को लेकर भ्रम बना हुआ है।

हालांकि, बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए रमेश पर जनवरी 2025 के पुराने अमेरिकी बयान को हालिया बातचीत से जोड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने रमेश को “झूठा” करार देते हुए कहा कि कोई नया आधिकारिक अमेरिकी बयान अभी आया ही नहीं है।

इस पर जयराम रमेश को सफाई देनी पड़ी। उन्होंने कहा “मैं नॉन-बायोलॉजिकल नहीं हूं, मुझसे गलती हुई और मैंने उसे तुरंत सुधारा। कृपया मेरे बयान का सही संदर्भ में संज्ञान लिया जाए।”

हालांकि गलती स्वीकार करने के बावजूद जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी और भारत की विदेश नीति को लेकर कड़ी आलोचना जारी रखी। उन्होंने कहा कि तीन कूटनीतिक झटकों ने भारत को झकझोरा है पाकिस्तानी फील्ड मार्शल असीम मुनीर को व्हाइट हाउस से डोनाल्ड ट्रंप के साथ डिनर का न्योता मिला। US सेंट्रल कमांड के चीफ माइकल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को ‘अभूतपूर्व’ बताया। ट्रंप ने 14 बार यह दावा किया कि उनकी मध्यस्थता से भारत-पाक युद्ध टला। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के इन दावों पर 37 दिनों तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। विदेश सचिव के बयान में भले ही बातचीत की पुष्टि की गई हो, लेकिन जयराम रमेश का कहना है कि प्रधानमंत्री को संसद के विशेष सत्र या सर्वदलीय बैठक में खुद सामने आकर विपक्ष को जानकारी देनी चाहिए।

बीजेपी ने कांग्रेस और जयराम रमेश पर भारत की विदेश नीति को कमजोर करने और बदनाम करने का आरोप लगाया है। अमित मालवीय ने कहा “आज भारत एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति है। झूठे बयानों से इस सच्चाई को बदला नहीं जा सकता। पीएम मोदी ने ट्रंप से साफ कहा कि भारत को तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं है। पाकिस्तान से तनाव DGMO स्तर की बातचीत से कम हुआ।”

देश की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या प्रधानमंत्री मोदी आगे चलकर सर्वदलीय बैठक बुलाएंगे और ट्रंप के साथ हुई बातचीत का विस्तृत ब्योरा विपक्ष के साथ साझा करेंगे या नहीं। वहीं, अब सबकी निगाहें इस पर भी हैं कि डोनाल्ड ट्रंप या व्हाइट हाउस की ओर से कोई नया बयान आता है या नहीं।

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